राजिम 04 मार्च।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल के आतिथ्य में आज शाम यहां राजिम माघी पुन्नी मेला का समापन हो गया।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजिम त्रिवेणी संगम है और इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। हमारे देश में राजिम मेला जैसे आयोजन होते हैं और ऐसे आयोजनों से विभिन्न संस्कृतियों का संगम है। राजिम माघी पुन्नी मेला का इतिहास ऐतिहासिक और गौरवशाली है। राजिम के मेला में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने की अद्भुत क्षमता है।उन्होने मंच से नदियों के सरंक्षण व साफ सफाई को लेकर लोगों को जागरुक रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम को साफ सुथरा और प्रदुषण मुक्त करें।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद पहली बार हमने राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन किया है। यह हमारा पहला आयोजन है और कोई कमी हो तो उसे साधु-संतों और नागरिकों की सुझाव पर बेहतर बनाया जायेगा। हमने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक दिखाने के लिए लोक खेलों का आयोजन किया तथा विलुप्त होते नाचा व पंडवानी जैसे लोक विधाओं को विशेष स्थान दिया।
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