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सोनम वांगचुक गिरफ्तार, लद्दाख में तनाव बरकरार

नई दिल्ली/लेह, 26 सितम्बर।लद्दाख में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। शुक्रवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता और लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के वरिष्ठ सदस्य सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में ले लिया।

गिरफ्तारी और प्रशासनिक कार्रवाई

  लद्दाख पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे वांगचुक को गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें लेह से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें राजस्थान के जोधपुर ले जाया गया है।गिरफ्तारी के साथ ही प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दीं और कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया।

हिंसा की पृष्ठभूमि

  बुधवार, 24 सितम्बर को लद्दाख में प्रदर्शन हिंसक हो गया था।आंदोलनकारियों ने पथराव किया और कई जगह आगजनी की घटनाएँ सामने आईं।इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई और करीब 90 लोग घायल हो गए।पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और गोलियां चलानी पड़ीं।

आंदोलन और मांगें

लद्दाख में लंबे समय से स्थानीय लोग राज्य का दर्जा, नौकरी आरक्षण, संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने और पारिस्थितिकी की सुरक्षा जैसी मांगें उठा रहे हैं।लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) इन मांगों के समर्थन में पिछले पांच वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं।इसी कड़ी में वांगचुक ने 10 सितम्बर से भूख हड़ताल शुरू की थी। हालांकि, हिंसा भड़कने के बाद उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त कर दी और शांति की अपील की।

केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया

गृह मंत्रालय ने वांगचुक पर “उकसाने वाले बयानों” का आरोप लगाया है और कहा है कि उनकी भूमिका हिंसा भड़काने में रही।इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने हाल ही में वांगचुक द्वारा स्थापित NGO SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है, यह कहते हुए कि उसमें वित्तीय अनियमितताएँ पाई गईं।

आलोचनाएँ और समर्थन

इस बीच वांगचुक की पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर को “उजाड़” दिया और उनके साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया।कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया और शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन किया।हिमालय नीति अभियान जैसे संगठनों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन पूरी तरह अहिंसक रहा है और हिंसा में बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं।

 लेह में फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है।प्रशासन का कहना है कि यदि हालात सामान्य रहे तो सोमवार से स्कूल खोल दिए जाएंगे।आंदोलनकारी संगठनों और गृह मंत्रालय के बीच वार्ता की संभावना जताई जा रही है।सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।