
रायपुर, 02 अक्टूबर।विजयादशमी का पर्व इस बार छत्तीसगढ़ में एक ऐतिहासिक बदलाव का साक्षी बना। बीजापुर में 103 नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बड़े घटनाक्रम को प्रदेश के शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की दिशा में निर्णायक पड़ाव बताया और सुरक्षा बलों को बधाई दी।उन्होने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने भटके हुए लोगों के दिलों में विश्वास और उम्मीद जगाई है। पूना मारगेम अभियान के तहत आत्मसमर्पण करने वालों में 49 ऐसे नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपए का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को सरकार की ओर से नई शुरुआत के लिए 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल उन्मूलन नीति के अंतर्गत उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर मिलेगा। अब तक 1890 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो सरकार की नीतियों की सफलता और जनता के विश्वास का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल बस्तर की धरती तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है।