
रायपुर, 08 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जनजातीय नायकों की विरासत को सहेजना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
श्री साय ने आज यहां सिविल लाइन के कन्वेंशन हॉल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत एक ऐतिहासिक पहल रही है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा आदिवासी कल्याण मंत्रालय के गठन को जनजातीय समाज के लिए मील का पत्थर बताया।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में पीएम जनमन योजना और प्रधानमंत्री धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के अंतर्गत तेज़ी से विकास कार्य हो रहे हैं। प्रदेश में अब तक 2,500 किमी सड़कों का निर्माण और 32,000 से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर में एक भव्य ट्राइबल म्यूज़ियम का निर्माण किया गया है, जिसमें राज्य के 14 जनजातीय आंदोलनों और वीर नारायण सिंह के जीवन को दर्शाया गया है। उन्होंने शिक्षाविदों से आग्रह किया कि जनजातीय गौरव और इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए।
कार्यशाला में व्यक्त किए गए प्रमुख विचार:
- श्री टंकराम वर्मा (उच्च शिक्षा मंत्री) ने कहा कि यह कार्यशाला जनजातीय समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जोड़ने की रणनीति तैयार करेगी।
- श्री राम विचार नेताम (आदिम जाति विकास मंत्री) ने कहा कि इस वर्ष जनजातीय गौरव दिवस को और अधिक प्रभावी रूप से मनाया जाएगा।
- श्री केदार कश्यप (वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री) ने बताया कि पिछले वर्ष 70,000 से अधिक लोगों ने इस आयोजन में भाग लिया था।
- श्री योगेश बापट (महामंत्री, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम) ने जनजातीय समाज की आत्मनिर्भरता को रेखांकित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री साय जनजातीय समाज के लिए समर्पित हैं।
इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षा व रोजगार विभाग के अधिकारी और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।