इसरो दो नवंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सीएमएस-03 संचार उपग्रह लांच करेगा। यह भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा।
भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा है, जिसका उपयोग उपग्रहों को उनकी अंतिम भू-समकालिक कक्षा में पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह लांच एलवीएम3 प्रक्षेपण यान से किया जाएगा। एलवीएम3 प्रक्षेपण यान का यह पांचवां परिचालन होगा।
समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए किया गया डिजाइन
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, सीएमएस-03 एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है जिसे भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका वजन लगभग 4,400 किलो है। एलवीएम3 के पिछले मिशन ने चंद्रयान-3 मिशन को प्रक्षेपित किया था, जिसमें भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बना था।
इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से जोड़ दिया गया है और अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है। इसे 26 अक्टूबर को प्रक्षेपण पैड पर ले जाया गया।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India