भारत और चीन की सेनाओं ने लद्दाख में तनाव कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 23वें कोर कमांडर स्तर की बातचीत मोल्दो-चुशुल में हुई, जहां दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति बनाए रखने पर गहन चर्चा की।
चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह बैठक 25 अक्टूबर 2025 को भारतीय पक्ष के मोल्दो-चुशुल बॉर्डर मीटिंग पॉइंट पर हुई। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने पश्चिमी सेक्टर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव प्रबंधन और स्थिरता बनाए रखने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।
बातचीत का मुख्य फोकस क्या रहा?
बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने चीन-भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से के प्रबंधन पर सक्रिय और गहन संवाद किया है। संवेदनशील क्षेत्रों में तनाव कम करने के तरीकों पर भी विचार साझा किए गए।
यह बैठक दोनों देशों के नेताओं के बीच बने महत्वपूर्ण समझौते के तहत हुई। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के जरिए बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई। इसके साथ ही, सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा, ‘भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 23वीं बैठक 25 अक्टूबर 2025 को चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन बिंदु पर आयोजित की गई। 19 अगस्त 2025 को आयोजित विशेष प्रतिनिधि वार्ता के 24वें दौर के बाद से पश्चिमी क्षेत्र में जनरल स्तरीय तंत्र की यह पहली बैठक थी। वार्ता मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई।’
मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2024 में आयोजित कोर कमांडर स्तर की 22वें दौर की बैठक के बाद से हुई प्रगति पर ध्यान दिया और यह विचार साझा किया कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखा गया है। दोनों पक्ष स्थिरता बनाए रखने के लिए सीमा पर किसी भी जमीनी मुद्दे को हल करने के लिए मौजूदा तंत्र का उपयोग जारी रखने पर सहमत हुए।’
2020 गलवान संघर्ष के बाद तनाव कम करने की कवायद
यह बातचीत 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद जारी तनाव को कम करने की कोशिशों का हिस्सा है। उस घटना में दोनों तरफ के सैनिक मारे गए थे। इससे द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गए थे। तब से भारत और चीन लगातार उच्च स्तरीय सैन्य वार्ताएं कर रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए यह हालिया कदम है।
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