कोरबा जिले में जमीन दलालों की सक्रियता एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रशासन ने मानिकपुर डिपरापारा में करोड़ों रुपये की शासकीय भूमि को जमीन दलालों से कब्जा मुक्त कराया है। इस कार्रवाई में कांग्रेस के पूर्व पार्षद सीताराम चौहान, लक्ष्मण लहरे, राजू सिमोन और सोनू जैन के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन जमीन दलालों पर आरोप है कि उन्होंने शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर प्लाट काटकर बेच दिए थे।
एसडीएम सरोज महिलांगे ने बताया कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा को लेकर शिकायतें आ रही थीं, जिस पर कार्रवाई करते हुए शासकीय भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। अब इस जमीन का सदुपयोग किया जाएगा। इस कार्रवाई से जमीन माफियाओं में हड़कंप मच गया है और वे बचाव के तरीकों की खोज में जुट गए हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से आम जनता में खुशी की लहर है और लोग इसे जमीन माफियाओं के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं।
वहीं इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। कोरबा पुरानी बस्ती निवासी शत्रुघ्न सिंह राजपूत ने कलेक्टर से उसी जमीन को अपनी पुश्तैनी जमीन का दावा कर रहा है जिसकी शिकायत कलेक्टर को किया है। उनका आरोप है कि कुछ जमीन दलालों और भ्रष्ट राजस्व अधिकारियों की मिलीभग उक्त जमीन को गलत तरीके से सरकारी मद में दर्ज कर बेचा जा रहा है। उनका कहना है कि यह जमीन उनके परिवार के कब्जे और उपयोग में है और इसके सभी दस्तावेज उनके नाम पर दर्ज हैं।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे को रोका जाए और दलालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। राजपूत ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने भूमि को यथास्थिति में आवेदक के नाम दर्ज करने का आदेश दिया है, लेकिन विभागीय स्तर पर इस आदेश की अनदेखी की जा रही है। जिले में जमीन कब्जा का खेल जोरों पर चल रहा है। जमीन दलाल सक्रिय नजर आ रहे हैं ऐसे जमीन दलालों पर जब तक कड़ी कार्रवाई नहीं होगी तब तक उनके हौसले बुलंद रहेंगे।
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