ताइवान ने अपने नजदीकी समुद्री क्षेत्र में चीन की बढ़ी हुई सैन्य गतिविधियों की सूचना दी है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सुबह छह बजे तक आठ चीनी युद्धपोत और छह लड़ाकू विमान उसकी सीमा के आसपास सक्रिय देखे गए। इनमें से तीन विमानों ने मध्य रेखा को पार कर ताइवान के पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश किया।
ताइवान के मंत्रालय ने एक्स पर जारी बयान में कहा कि ताइवान की सशस्त्र सेनाएं लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं और हर हरकत का जवाब दे रही हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि चीनी विमानों का सीमा पार आना सीधे तौर पर ताइवान की सुरक्षा के लिए चुनौती है। बीते कुछ महीनों में बीजिंग द्वारा इस तरह की घुसपैठ की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे ताइवान की रक्षा प्रणाली को लगातार हाई अलर्ट पर रहना पड़ रहा है।
चीन के बढ़ते दबाव का असर
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब चीन लगातार ताइवान पर दबाव बना रहा है और उसे अपने नियंत्रण में लाने की कोशिशें तेज कर रहा है। ताइवान ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा और रक्षा सुधारों की प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत वह सैन्य और तकनीकी रूप से खुद को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन की गतिविधियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।
सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा योजना
एक्जीक्यूटिव युआन के सचिव-जनरल जेवियर चांग ने बताया कि सरकार चीन से बढ़ते खतरों से निपटने के लिए अपने सैन्य और सुरक्षा ढांचे को मजबूत बना रही है। यह पहल राष्ट्रपति विलियम लाई की 17-सूत्रीय राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है, जिसे मार्च में जारी किया गया था। इस रणनीति का उद्देश्य चीन की राजनीतिक, आर्थिक और डिजिटल घुसपैठ से देश की संप्रभुता की रक्षा करना है।
नए कानून और प्रशासनिक कदम
सरकार ने 120 प्रमुख कार्य निर्धारित किए हैं जिनमें 21 नए या संशोधित कानून शामिल हैं। इनमें स्पेशल स्टैच्यूट ऑन स्ट्रेंथनिंग द रेजिलिएंस ऑफ द इकोनॉमी, सोसाइटी एंड नेशनल सिक्योरिटी, साइबरसिक्योरिटी मैनेजमेंट एक्ट और इंडस्ट्रियल इनोवेशन स्टैच्यूट जैसे महत्वपूर्ण कानून शामिल हैं। इन कदमों से ताइवान अपनी अर्थव्यवस्था और रक्षा क्षमता को मजबूत करना चाहता है ताकि चीन के बढ़ते दबाव और क्षेत्रीय तनावों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
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