छत्तीसगढ़ के नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में बिना अनुमति कोई भी व्यापार नहीं किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए ‘छत्तीसगढ़ नगरपालिका (व्यापार अनुज्ञापन) नियम 2025’ की अधिसूचना जारी कर दी है। ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। नए प्रावधानों के तहत गुमटी, ठेले और वाहनों के माध्यम से व्यापार करने वालों को भी अब लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। बिना अनुज्ञप्ति व्यापार करने पर जुर्माना और कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
नए नियमों के मुताबिक, आवेदन मिलने के 15 दिनों के भीतर अनुज्ञप्ति जारी की जाएगी। तय समय सीमा में निर्णय नहीं होने पर अनुज्ञप्ति स्वतः स्वीकृत मानी जाएगी। जिन व्यापारियों के पास पहले से अनुज्ञप्ति नहीं है, उन्हें 60 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। अनुज्ञप्ति की अधिकतम अवधि 10 वर्ष होगी, जिसकी समाप्ति से एक वर्ष पहले नवीनीकरण कराना आवश्यक होगा। समय पर नवीनीकरण न करने पर अनुज्ञप्ति रद्द कर व्यापारिक परिसर को सील किया जा सकेगा।
क्षेत्र और बाजार के हिसाब से दरें तय
भवन और खुले स्थानों को संबंधित सड़क की चौड़ाई और क्षेत्र के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। नगर निगम क्षेत्रों में न्यूनतम वार्षिक शुल्क चार रुपये प्रति वर्गफुट, नगरपालिका क्षेत्रों में तीन रुपये प्रति वर्गफुट, नगर पंचायत क्षेत्रों में दो रुपये प्रति वर्गफुट, मोहल्ला व कॉलोनी क्षेत्रों में क्रमशः 4, 3 और 2 रुपए प्रति वर्गफुट, छोटे-मध्यम बाजारों में 5, 4 और 3 रुपए, जबकि बड़े बाजारों में 6, 5 और 4 रुपए प्रति वर्गफुट वार्षिक शुल्क तय किया गया है।
बाजार से बाहर स्थित व्यावसायिक परिसरों के लिए अनुज्ञप्ति शुल्क की अधिकतम सीमा क्रमशः नगर निगम में 30 हजार रुपये नगरपालिका में 20 हजार रुपये और नगर पंचायत में 10 हजार रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित की गई है। वाहनों के माध्यम से व्यापार करने वालों के लिए भी अनुज्ञप्ति लेना अनिवार्य किया गया है। मिनी ट्रक, पिकअप और जीप के लिए वार्षिक शुल्क नगर निगम में 400 रुपये नगरपालिका में 300 रुपये और नगर पंचायत में 200 रुपये तय किया गया है। ऑटो रिक्शा और तिपहिया वाहनों के लिए क्रमशः 250, 200 और 150 रुपये वार्षिक शुल्क देना होगा। यातायात में अवरोध होने पर संबंधित वाहन की अनुज्ञप्ति निरस्त की जा सकेगी।
नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। परिसर के सामने फुटपाथ या सड़क पर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग या विज्ञापन लगाने की अनुमति नहीं होगी। राज्य और केंद्र सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों का कड़ाई से पालन अनिवार्य होगा।
व्यवस्था सुधारने का प्रयास
सरकार का कहना है कि नए नियमों का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना, अतिक्रमण रोकना और नगरीय निकायों के राजस्व में वृद्धि करना है।
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