
दुर्ग, 27 दिसंबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ राष्ट्र एवं समाज के नवनिर्माण में आदिवासी नायकों और महापुरुषों का योगदान अद्वितीय और अविस्मरणीय रहा है। हल्बा, हल्बी एवं संपूर्ण आदिवासी समाज के गौरव शहीद गैंद सिंह नायक ने देश में आजादी के आंदोलन का सर्वप्रथम शंखनाद किया था।
मुख्यमंत्री श्री साय आज जिला मुख्यालय के गोकुल नगर स्थित हल्बा शक्ति स्थल में अखिल भारतीय हल्बा-हल्बी समाज द्वारा आयोजित 35वें मिलन समारोह एवं शक्ति दिवस पर्व को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने हल्बा-हल्बी समाज के नवनिर्मित कार्यालय का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने शक्ति स्थल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हल्बा समाज के युवक-युवतियों के लिए आवासीय कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 50 लाख रुपये, वहीं पुलगांव (दुर्ग) स्थित कंवर समाज के सामाजिक भवन में बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए 25 लाख रुपये की स्वीकृति की घोषणा की। इस अवसर पर हल्बा-हल्बी समाज की सामाजिक पत्रिका ‘समाज’ का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में स्वतंत्रता आंदोलन का सूत्रपात सबसे पहले जनजातीय नायकों ने किया। शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गैंद सिंह नायक सहित जनजातीय नायकों एवं देशभक्तों ने अंग्रेजों के खिलाफ कुल 14 क्रांतियों का नेतृत्व किया। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय वर्ग के उत्थान हेतु केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की स्थापना की थी।
उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलवाद अपने अंतिम दौर में है और नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से 400 से अधिक गांवों में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य के साथ राज्य को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
कार्यक्रम को सांसद विजय बघेल, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और हल्बा-हल्बी समाज के प्रदेश अध्यक्ष खलेन्द्र ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ललित चन्द्राकर सहित समाज के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
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