जोधपुर 07दिसम्बर।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्याय को सर्व-सुलभ बनाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
श्री कोविंद ने आज यहां राजस्थान उच्च न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने न्यायिक समुदाय से अनुरोध किया कि वह समय पर न्याय उपलब्ध कराने के हरसंभव प्रयास करे। राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरतमंदों और वंचितों को विधिक सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ही हम सबने सभी के लिए न्याय सुलभ कराने का दायित्व स्वीकार किया है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्या हम सभी के लिए न्याय सुलभ करा पा रहे हैं। अनेक कारणों से न्याय प्रक्रिया खर्चीली हुई है।हम निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराके जरूरत मंदो की मदद कर भी रहे हैं और भी कर सकते हैं।
समारोह में उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली के अंतर्गत मामलों को निपटाने में लगने वाले लंबे समय पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए।उन्होने कहा कि..इसमें कोई संदेह नहीं कि आपराधिक न्याय प्रणाली के अन्तर्गत मामलों को निपटाने में होने वाली ढिलाई और इसमें लगने वाले लंबे समय के बारे में पुनर्विचार होना चाहिए। न्याय तत्काल नहीं किया जा सकता और न्याय कभी भी बदला लेने के लिए नहीं होना चाहिए..।
इस अवसर पर केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने जघन्य अपराधों को शीघ्रता से निपटाने के लिए देश में 704 फास्ट ट्रैक अदालतें गठित की हैं। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के कानून पोक्सो के तहत एक हजार 130 फास्ट ट्रैक अदालतें जल्द ही बनाई जायेंगी।