
रायपुर, 29 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में पी.पी.पी. मॉडल से एथेनॉल संयंत्र की स्थापना पर खुशी जताते हुए कहा कि राज्य में एथेनॉल संयंत्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ का देश के बायोफ्यूल के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
श्री बघेल ने पी.पी.पी. मॉडल से राज्य में स्थापित होने वाले देश के पहले एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने कवर्धा तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के मध्य हुए एमओयू के मौके पर कहा कि किसानों को समय पर गन्ना के मूल्य का भुगतान और शक्कर कारखाने की क्षमता का पूरा-पूरा उपयोग सुनिश्चित करने में एथेनॉल संयंत्र की स्थापना महत्वपूर्ण साबित होगी। एथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा।
उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों से संबंधित मुद्दे और उनके विकास के कार्य को सर्वोपरि रखा है। राज्य सरकार द्वारा सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थायी निदान के लिए पी.पी.पी. मॉडल से एथेनॉल संयंत्र की स्थापना की जा रही है। पी.पी.पी. मॉडल से एथेनॉल संयंत्र की स्थापना का देश में यह पहला उदाहरण है।
एथेनॉल संयंत्र की स्थापना छत्तीसगढ़ डिस्टीलरीज लिमिटेड द्वारा 40 के.एल.पी.डी. क्षमता के 5.27 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष की निविदा स्वीकार की गई है। पी.पी.पी. मॉडल के अंतर्गत कारखाने द्वारा लाइसेंस पर केवल भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। एथेनॉल संयंत्र की स्थापना पर निवेशक द्वारा 100 करोड़ रूपए से अधिक का विनिवेश किया जाएगा। संयंत्र का निर्माण डेढ़ से दो वर्ष के भीतर पूर्ण कर एथेनॉल उत्पादन प्रारंभ करने की योजना है।
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