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ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए पशुधन का विकास आवश्यक-भूपेश

रायपुर 29 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पशुधन हमारे समाज के विशिष्ट अंग होने के साथ-साथ वे हमारी अर्थव्यवस्था के भी महत्वपूर्ण अंग हैं।

श्री बघेल ने आज शाम नवा रायपुर स्थित श्री सत्यसांई संजीवनी हॉस्पिटल आडिटोरियम में गौठान व गोधन न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशु चिकित्सकों की भूमिका पर आधारित कार्यक्रम में यह विचार व्यक्त किया।उन्होने कहा कि पशुधन हमारे समाज के विशिष्ट अंग होने के साथ-साथ वे हमारी अर्थव्यवस्था का भी महत्वपूर्ण अंग हैं। हमारे समाज में आदिकाल से इनका महत्व रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा राज्य में पशुधन के विकास और उनकी अच्छी देखभाल के लिए सुराजी गांव योजना और गोधन न्याय योजना लागू की गई है। योजना के अंतर्गत गांव-गांव में गौठानों का निर्माण पशुओं के चारे-पानी और उपचार की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होने कहा कि राज्य में अभी तक 10 हजार 500 से अधिक गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 8 हजार 500 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है। इन सबके साथ-साथ राज्य में पशु चिकित्सा से जुड़ी अधोसंरचनाओं को भी लगातार मजबूत किया जा रहा है। श्री बघेल ने इस अवसर पर विश्व पशु चिकित्सा दिवस की बधाई देते हुए इनके कुशल क्रियान्वयन में पशु चिकित्सकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कार्यक्रम में समस्त पशु चिकित्सकों को छत्तीसगढ़ को जल्द से जल्द दुग्ध व्यवसाय (डेयरी मिल्क) के क्षेत्र में भी अग्रणी पहचान दिलाने में अहम भागीदारी निभाने के लिए आव्हान किया।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य में इनके योगदान से पशुधन की रक्षा एवं उन्नत नस्ल के पशुधन के विकास को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य में पशुधन के विकास और इसके संरक्षण तथा संवर्धन के लिए वृह्द स्तर पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वह दिन दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ दुग्ध व्यवसाय के क्षेत्र में भी देश में अग्रणी राज्य होगा। इससे गांवों के साथ-साथ पशुपालक किसानों में समृद्धि आएगी और हमारी सम्पूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।कार्यक्रम को राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत डॉ. रामसुन्दर दास, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद से डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया।