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लेखन ही नही, जीवन में भी लेखन के समांतर खड़े रहे राज खन्ना- सुभाष राय

सुलतानपुर 30 मई(संतोष यादव)।लेखक जीवन एवं समाज के रहस्य को जानना चाहता है। लिखने का एक मंतव्य होता है। लिखने से चीजें सुधरती हैं, बदलती हैं। ऐसा लेखक का भरोसा होता है। राज खन्ना जी केवल अखबारनवीस नही हैं। इतिहास पर भी लिखते हैं। लिखना उनका पैशन था। लेखन में ही नही बल्कि जीवन में भी बिल्कुल लेखन के समांतर वे खड़े रहे। जिस तरह उनका जीवन है उसी तरह लेखन भी है।

जनसंदेश अखबार के संपादक सुभाष राय ने यह विचार ‘आजादी के पहले एवं आजादी के बाद’ नामक पुस्तक लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजखन्ना के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यह विचार व्यक्त किए।जिला सुरक्षा संगठन द्वारा आयोजित’ इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत अतिथियों द्वारा ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन व राष्ट्रगान के साथ हुआ।

श्री राय ने कहा कि पुस्तक के लेखक राज खन्ना का व्यक्तित्व शालीनता से परिपूर्ण है। आज के पत्रकारिता परिवेश की हनक, सत्ता की चाटुकारिता से दूर, सदैव निष्पक्षता, पारदर्शिता ,इतिहास को तथ्यों के आधार पर व समाज को सही दिशा में लाने के लिए ही लेखन का कार्य किया है। आज के समय में ऐसा व्यक्तित्व मिलना बड़ा ही मुश्किल है। साहित्यकार कमल नयन पांडेय ने पत्रकार राजखन्ना के पत्रकारिता जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि 16 बर्ष की उम्र से ही उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत की थी।

समारोह के मुख्य वक्ता केएनआई के प्राचार्य व जिला सुरक्षा संगठन के प्रवक्ता डॉ राधेश्याम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ ऐसे किरदार होते है जिन पर पेशा भी इतराता है खन्ना जी उनमें से एक हैं। जिन पेशों में धब्बे लगे उनमें से पत्रकारिता भी एक थी। ऐसे द्वंद समय में उन्होंने पेशे की पवित्रता बनाए रखी। जिले के पत्रकारों के लिए वे अकेली कार्यशाला हैं। वे सम्मान के काबिल हैं।

श्री सिंह ने कहा कि राज खन्ना जी के पास अर्जित भाषा है। इन्होंने इतिहास लेखन में हस्तक्षेप कर सत्यता की राह दिखाई। एक अच्छा पत्रकार संशयी होता है। यह गुण खन्ना जी में भी है। सरोकार समिति से जुड़े डॉ धर्मपाल सिंह ने कहा कि यह पुस्तक कोरोना की देन है। इसमें लेखक के विचार थोपे नही गए हैं। लेखक की यह पहली पुस्तक है, लेकिन अंतिम नही। श्री सिंह ने कहा कि यह पुस्तक ऐसे समय मे आई है जब इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश हो रही है। उन्होंने खन्ना जी से जिले की विभूतियों पर भी लिखने का आह्वान किया।चिकित्सक डॉ राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि राजखन्ना की शालीनता की सीमा चर्मोत्कर्ष पर है। वे युवा पीढ़ी जो इतिहास से अपरिचित है उनके लिए मार्गदर्शक हैं। अन्य ने भी पत्रकार राजखन्ना के व्यक्तित्व और इनके द्वारा लिखित पुस्तक “आजादी से पहले आजादी के बाद” की अपने संबोधन में सराहना की।

जिला सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष बलदेव सिंह ने राज खन्ना व सुभाष राय को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह, स्वागत भाषण महासचिव डॉ नैय्यर रजा जैदी एवं संचालन साहित्यकार कमल नयन पांडेय ने किया। आभार सुंदर लाल टंडन ने व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में डॉ रमाशंकर मिश्र, शहीद स्मारक सेवा समिति अध्यक्ष करतार केशव यादव, सुमन हॉस्पिटल की प्रबंधक सुमन सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ आरए वर्मा, डॉ सलिल श्रीवास्तव, डॉक्टर जेपी पांडे, कवि डॉ डीएम मिश्र, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ अरविंद चतुर्वेदी, डॉक्टर सुधाकर सिंह, डॉक्टर रमेश ओझा,शकुंतला विश्विद्यालय के छात्र रहे अकरम, आजाद समाज सेवा समिति अध्यक्ष अशोक सिंह, माबूद अहमद, जाहिल सुलतानपुरी, वरिष्ठ पत्रकार अशोक साहू, अरुण जायसवाल, सत्यदेव तिवारी,दर्शन साहू, विक्रम बृजेन्द्र सिंह, विजय पांडेय, आशुतोष मिश्र, जितेंद्र श्रीवास्तव, विवेक बरनवाल संतोष यादव, डॉक्टर नैयर रजा जैदी, राशिद अली, इलियास खान, अजय सिंह, राम सागर गुप्ता, अशोक कसौधन ,डॉक्टर दिनकर प्रताप सिंह, कुलदीप गुप्ता,अमरीश मिश्रा सहित जिले के कई वरिष्ठ चिकित्सक, पत्रकार, समाजसेवी सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए।