रायपुर 12 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि देश और दुनिया में कट्टरता और हिंसा के वातावरण में आज भगवान महावीर के सत्य, अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
श्री बघेल ने आज यहां विशुद्ध वर्षायोग कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आगे कहा कि हम सहजता, सरलता, सहिष्णुता को भूल गए हैं। हम किसी दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दूसरे के विचारों के लिए थोड़ा भी स्थान नहीं है। ऐसे समय में महावीर जी के वचनों का, उनके सिद्धांतों का, श्रवण करना व अनुसरण करना समाज के लिए बहुत आवश्यक है।
राजधानी के फाफाडीह स्थित विशुद्ध सभा गृह में शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज सहित 21 संतों के चातुर्मास के लिए रायपुर आगमन पर सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।श्री बघेल शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि राज्य में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के साथ 21 संतों का आगमन हुआ है। भगवान महावीर के जो सिद्धांत है, उसका पालन करना, सत्य, अहिंसा, अस्तेय जैसे व्रत का जीवन में पालन करते हुए संत की उपाधि प्राप्त करना, कोई साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं है।उन्होने कहा कि संतों के चरण रज पड़ने से सुखद वातावरण निर्मित होता है। हम विशुद्ध सागर जी महाराज के विचारों को सुनेंगे व जीवन में उतारेंगे, उसका पालन करेगें, तो समाज में भाईचारा और प्रेम स्थापित होगा।
शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने छत्तीसगढ़ की महत्ता बताते हुए मंगल आशीष में कहा कि छत्तीसगढ़ तीर्थंकरों की भूमि है, यहां भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली है। बच्चे को मां से ज्यादा दुलार ननिहाल में मिलता है। इसी कारण यहां 22 संत एक साथ पहुंचे हुए हैं। जहां संत का आगमन होता है, वहां जियो और जीने दो जैसे पवित्र विचार का संचार भी स्वाभविक रूप से होता है। विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि विश्व में कट्टरता और हिंसा का बोलबाला है, लेकिन अंत में उन्हें अहिंसा का ही निर्णय लेना पड़ेगा।
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