रायपुर 24 नवम्बर। छत्तीसगढ़ के सभी वन मंडलों में तेन्दूपत्ता बोनस तिहार की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह दो दिसम्बर को जिला मुख्यालय बीजापुर से तेन्दूपत्ता बोनस तिहार की शुरूआत करेंगे।
वन मंत्री महेश गागड़ा ने आज बताया कि राज्य की 896 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के लगभग ग्यारह लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2016 के संग्रहण कार्य के लिए करीब 275 करोड़ रूपए का बोनस दिया जाएगा। इसके लिए आगामी दो दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक विभिन्न स्थानों पर तेन्दूपत्ता बोनस तिहार मनाया जाएगा।
उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह दो दिसम्बर को जिला मुख्यालय बीजापुर से तेन्दूपत्ता बोनस तिहार की शुरूआत करेंगे।वे सम्पूर्ण बोनस तिहार की अवधि में सात स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में 18 जिला वनोपज यूनियनों(वन मंडलों)के संग्राहकों को बोनस राशि का वितरण करेंगें। डॉ. सिंह बीजापुर के कार्यक्रम में दो दिसम्बर को बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बोनस का ऑनलाइन वितरण करेंगे।
वन मंत्री ने बताया कि तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए राज्य में सबसे ज्यादा 23 करोड़ रुपए का बोनस उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के पूर्व भानुप्रतापपुर वनमण्डल के वनवासियों को मिलेगा। वहां के 38 हजार तेन्दूपत्ता संग्राहकों को इसका फायदा मिलेगा। इसके बाद दूसरे नम्बर पर धरमजयगढ़ वनमण्डल के 47 हजार संग्राहकों को 21 करोड़ रुपए और गरियाबंद वनमण्डल के 55 हजार संग्राहकों को 19 करोड़ रुपए का बोनस वितरित किया जाएगा।
तेन्दूपत्ते का व्यापार करने वाली राज्य की कुल 901 प्राथमिक समितियों में से पिछले साल लाभ कमाने वाली 896 समितियों से जुड़े संगा्रहकों को यह बोनस मिलने जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से जुड़े लगभग 14 लाख परिवारों में से लगभग 11 लाख परिवारों को इस दौरान 274 करोड़ 54 लाख रुपए का बोनस मिलेगा।
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