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त्रिपुरा की माणिक साहा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में की बढ़ोतरी..

त्रिपुरा की माणिक साहा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए/डीआर में बढ़ोतरी की है। जो दिसंबर 2022 से प्रभावी होगा। राज्य सरकार के इस फैसले से 1 लाख से अधिक कर्मचारियों और 80800 पेंशनरों को लाभ मिलेगा।

त्रिपुरा की माणिक साहा सरकार ने मंगलवार को सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को नए साल को तोहफा दिया है। आपको बता दें कि त्रिपुरा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत भत्ता (डीआर) में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी की है। जो दिसंबर 2022 से प्रभावी होगा।

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए डीए/डीआर में 12 फीसदी बढ़ोतरी किया गया है। जिसके बाद डीए बढ़कर 20 फीसदी हो गया और यह दिसंबर 2022 से प्रभावी होगा। सरकार के इस फैसले से 1 लाख से अधिक कर्मचारियों और 80,800 पेंशनरों को लाभ होगा।

एक लाख से ज्यादा कर्मचारियों को होगा फायदा

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि इस निर्णय से 1,04,600 नियमित कर्मचारियों और 80,800 पेंशनरों को लाभ होगा। इसके अलावा अंशकालिक कर्मचारियों को भी फायदा होने वाला है क्योंकि उनके पारिश्रमिक लाभ को लगभग दोगुना कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि डीए/डीआर में 12 फीसदी की बढ़ोतरी करने के निर्णय से प्रति माह 120 करोड़ रुपये और प्रति वर्ष 1,440 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आएगी।

इसी बीच उपमुख्यमंत्री जिष्णु देबबर्मा ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों का डीए और लाभार्थियों की पेंशन नहीं बढ़ाने के लिए आलोचना की गई। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य अधिकतम लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचना है। हम साहसी कदम उठाकर राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक मानक स्थापित करना चाहते हैं।

उपमुख्यमंत्री जिष्णु देबबर्मा के पास वित्त विभाग की जिम्मेदार है। ऐसे में यह पूछे जाने पर कि सालाना 1,440 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ का प्रबंधन कैसे किया जाएगा ? उन्होंने जवाब दिया कि यह संसाधनों की कमी के बीच प्रभावी ढंग से वित्त प्रबंधन की एक कला है। लोगों को अधिकतम लाभ देने के लिए थोड़ा साहस और हृदय की आवश्यकता होती है।

चुनावी तोहफा है डीए ?

सी बीच यह पूछे जाने पर कि क्या इसे नए साल के तोहफे के रूप में देखा जाएगा या चुनावी उपहार के रूप में ? जिष्णु देबबर्मा ने कहा कि यह लोगों का परसेप्शन है कि वो इसे कैसे देखते हैं। आपको बता दें कि पूर्वोत्तर में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं।