ओडिशा के बालेश्वर में हुए दर्दनाक ट्रेन को एक सप्ताह हो गया है लेकिन पीड़ित यात्री खौफनाक मंजर नहीं भूल पा रहे हैं। ट्रेन हादसे के 40 से अधिक पीड़ित सदमे में हैं।

कटक एससीबी अस्पताल में इलाज करा रहे कई मरीज बेड पर लेटे-लेटे अचानक ‘बचाओ-बचाओ’, ‘मुझे बचाओ’ कहते हुए चिल्ला रहे हैं। वो अचानक से चीख पड़ रहे हैं। उनकी हालत देखकर लोगों का दिल दहल रहा है।
इधर, मानसिक विभाग इन मरीजों के जेहन से बुरी यादें को मिटाने की कोशिश कर रहा है। वो इस बात की काउंसलिंग कर रहे हैं कि ट्रॉमा की स्थिति में ऐसे मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत और तनाव मुक्त कैसे बनाया जाए।
अब तक, मनोवैज्ञानिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मानसिक विभाग की ओर से 100 घायलों और उनके परिवार के सदस्यों को परामर्श दिया है। अब इस तरह की काउंसलिंग हर दिन की जा रही है।
20 आईसीयू में
कटक के एससीबी अस्पताल में 105 घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 20 आईसीयू में हैं। छह लोगों को शुक्रवार को छुट्टी दे दी गई।
ट्रेन हादसे में गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों की हालत में सुधार हो रहा है। वर्तमान में इलाज करा रहे लोगों में से तीन ने अपने पैर खो दिए हैं। कई लोगों के दोनों पैर टूट गए हैं। कुछ ने अपनी रीढ़ की हड्डी खो दी है।
घायलों में से कई की मानसिक स्थिति में संतुलन नहीं है। वे कई चीजें भूल रहे हैं। 2-3 मरीजों के परिजन अब उनके साथ हैं, लेकिन वो उनपर विश्वास नहीं कर रहे हैं।
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