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कांग्रेस की प्राथमिकता में किसान,मजदूर,गरीब एवं महिलाएं – राहुल  

बेमेतरा 15 नवम्बर।वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें गांव ,गरीब,किसान और मजदूर को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है जबकि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की सरकारे अडानी जैसे उद्योगपतियों को आगे बढ़ाने में पूरी ताकत लगाए हुए है।

        श्री गांधी ने आज राज्य में प्रचार समाप्त होने के आखिरी दिन यहां एक बड़ी चुनावी सभा में कहा कि हमारी जहां भी सरकारें है हमने खड़गे जी ने साफ कह दिया है कि जितना पैसा मोदी और भाजपा सरकारे अडानी को देती है उतना ही पैसा किसानों,मजदूरों के खातों में कल्याणकारी योजनाओं के जरिए जाना चाहिए।उन्होने कहा कि किसान,मजदूर और महिलाओं के पास पैसा जायेंगा तो वह गांव छोटे कस्बें शहर में ही खर्च होगा और वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी जबकि अडानी गांव में पैसा नही खर्च करने वाला,वह तो विदेशों में खर्च करेंगा फैक्ट्रियां खरीदेगा और व्यवसाय बढ़ायेंगा।  

     उन्होने कहा कि इन चुनावों में मोदी की गारंटी की बड़ी बाते हो रही है लेकिन सच यह हैं कि मोदी की गारंटी का मतलब अडानी की गारंटी है। अडानी जी जो करना चाहेंगे मोदी जी इसे पूरा करेंगे।जो भी जमीन,खदान वह चाहेंगे वह मोदी पूरा करेंगे।लेकिन वह अपने चुनावी वादे नही पूरे करेंगे। वहीं कांग्रेस ने जो गारंटी दी है उसके पूरे होने की पूरी गारंटी है।यह हमने कर्नाटक,हिमाचल प्रदेश में कर दिखाया है और छत्तीसगढ़ में भी पिछले चुनाव में वादा किया उसमें से अधिकांश पूरा किया।उन्होने इस बार राज्य में कांग्रेस द्वारा दी गई गारंटियों का उल्लेख करते हुए कहा कि..लिखकर रख लीजिए सरकार बनने पर मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में 3200 रूपए किवंटल में धान की खरीद,किसानों की कर्जमाफी, महिलाओं को प्रति वर्ष 15 हजार रूपये और सिलेन्डर पर पांच सौ रूपए की सब्सिडी देने का निर्णय होगा..।  

      श्री गांधी ने कहा कि जबसे उन्होने जाति जनगणना की बात शुरू किया कि ओबीसी की कितनी आबादी है और उन्हे कितनी भागीदारी मिली है,मोदी ने अपना नया भाषण शुरू कर दिया कि जाति होती ही नही केवल एक जाति गरीब की है।पहले अपने को ओबीसी कहते हुए नही थकते थे लेकिन जब ओबीसी को हक देने की बात आई तो उन्होने रास्ता ही बदल लिया।उन्होने कहा कि मोदी ओबीसी का वोट तो लेना चाहते है पर उनको भागीदारी नही देना चाहते है।उन्होने कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत आबादी ओबीसी की देश में हैं,जब हमारी सरकारे किसानों,मजदूरों महिलाओं के लिए कुछ करती है तो उनका लाभ ओबीसी को मिलता है।वहीं दूसरी ओर अडानी जैसे उद्योगपतियों का कर्ज माफ होता है तो एक पैसे का भी लाभ ओबीसी को नही मिलता।   

     उन्होने कहा कि जिस दिन जाति जनगणना होगी और ओबीसी,दलित,आदिवासी को सही आबादी एवं शक्ति का पता चल जायेगा और भागीदारी की भी जानकारी हो जायेंगी उस दिन देश के इतिहास में आजादी के बाद का सबसे बड़ा क्रान्तिकारी निर्णय होगा।इसके बाद होने वाले बदलाव को कोई रोक नही सकता।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी जनसभा को सम्बोधित किया और कहा कि उनके वादे और गारंटी भाजपा और मोदी के जुमले की तरह नही है,हमने पिछली बार वादों को पूरा किया है और इस बार भी पूरा करेंगे।