दुनियाभर के कई लोग खरनाक बीमारी कैंसर से जूझ रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत तक पहुंचा देती है। कैंसर का दंश झेलने वाला देश का एकमात्र राज्य पंजाब, जिसने ट्रेन का नाम ही कैंसर एक्सप्रेस डाल दिया है। हालत यह है कि लोग इसका असली नाम (जम्मू-अहमदाबाद एक्सप्रेस) तक भूल चुके हैं। सैकड़ों कैंसर पीड़ित जिला बठिंडा से ट्रेन में बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र में पहुंचते हैं, जहां अपना इलाज करवाते है। हालांकि इस जानलेवा बीमारी को लेकर एक उम्मीद की किरण जागी है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।
दरअसल, हाल ही में मुंबई स्थिति टाटा इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने दावा किया है कि उन्होंने कैंसर के इलाज के लिए दवाई बना ली है, जिसकी कीमत महज 100 रुपए है। डॉक्टरों का कहना है कि इस टैबलेट से कैंसर की चौथी और अंतिम स्टेज यानी मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज भी संभव होगाा। इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने ‘न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी’ (Nutraceutical Therapy) डेवलप की है जिसमें रेसवेरेट्रॉल और कॉपर की संयुक्त प्रो-ऑक्सिडेंट टैबलेट को इस्तेमाल किया जाएगा।
रिसर्च में दावा किया गया है कि रेसवेरेट्रॉल और कॉपर (तांबा) की कंबइन प्रो-ऑक्सिडेंट टैबलेट दिए जाने के बाद शरीर में क्रोमेटिन कणों को बेअसर करने में सफलता मिली। यही क्रोमेटिन कण शरीर में फिर से कैंसर होने का खतरा पैदा करते हैं। घरेलू नुस्खे के तहत बनाई गई कॉपर-रेसवेरेट्रॉल कंबाइन प्रो-ऑक्सिडेंट, जो कैंसर की अंतिम स्टेज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट को रोकने में सहायक है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि इस टैबलेट को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की मंजूरी मिलने का इंतजार है। अगर दवा को मंजूरी मिल जाती है तो 3 से 4 महीने में ये बाजार में उपलब्ध हो सकेगी।
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