शीघ्र ही कुमाऊं विश्वविद्यालय में क्यूआर कोर्ड पर ऐतिहासिक और स्वाधीनता से संबंधित जानकारी छात्र-छात्राओं को मोबाइल फोन पर आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए डीएसबी परिसर स्थित हिमालय संग्रहालय में विवि की ओर से क्यूआर कोड तैयार किए जा रहें हैं।
शीघ्र ही कुमाऊं विश्वविद्यालय में क्यूआर कोर्ड पर ऐतिहासिक और स्वाधीनता से संबंधित जानकारी छात्र-छात्राओं को मोबाइल फोन पर आसानी से मिल सकेगी। इसके लिए डीएसबी परिसर स्थित हिमालय संग्रहालय में विवि की ओर से क्यूआर कोड तैयार किए जा रहें हैं। अब तक विवि ने 34 विभागों के कोड तैयार कर लिए हैं।
कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत के प्रयास से कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर नैनीताल व सर जेसी बोस तकनीकी परिसर भीमताल के विभागाें के लिए क्यूआर कोड बनाए गए हैं। ताकि विद्यार्थियों को सिलेबस के साथ ही विभाग के संबंधित अन्य जानकारियों के लिए आसानी हो। इसके साथ ही हिमालय संग्रहालय व जंतु विभाग की प्रयोगशाला में मौजूद जीवांश और वनस्पति विज्ञान की प्रयोगशाला में मौजूद सामग्री में भी क्यू आर कोड लगाए जाएंगे। ताकि यहां पहुंचने पर विद्यार्थियों को आसानी से संबंधित की जानकारी मिल सके।
संग्रहालय में इनका है संकलन
संग्रहालय में उत्तराखंड के जनजातीय और सामाजिक परिवेश, संस्कृति, स्वाधीनता संग्राम, पत्रकारिता, व्यक्तित्व, पुरातत्व, उत्तराखंड की कृषि पद्धतियों को बताने वाले कई प्रमाण मौजूद हैं। यहां लगभग 2000 वर्ष पुरानी शुंग कालीन पत्थर की मूर्ति, उत्खनन से मिले बर्तन, कुषाण कालीन स्वर्ण मुद्रा के साथ ही महात्मा गांधी के कुमाऊं आगमन और उत्तरांखड के स्वतंत्रता सेनानियों के छाया चित्र मौजूद हैं। यही नहीं, यहां हस्तलिखित पांडुलिपियों का समृद्ध संकलन है।
अब आसानी ने मिल सकेंगी सभी जानकारियां: कुलपति प्रो. रावत
कुविवि के कुलपति प्रो. डीएस रावत ने बताया कि पूर्व में किसी भी विभाग की जानकारी के लिए कुविवि की वेबसाइट में जाना होता था, लेकिन अब विभाग में क्यू आर कोड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही वेबसाइट में भी इसको अपलोड किया जाएगा। साथ ही संग्रहालय व प्रयोगशालाओं में भी क्यूआर कोड लगाएं जाएंगे। जिससे विद्यार्थियों को उक्त के संबंधित जानकारी मोबाइल फोन पर आसानी से मिल जाएगी।