Friday , November 15 2024
Home / खास ख़बर / मध्य प्रदेश: अवैध बंदूक और कारतूस संग पकड़े गए पांच शिकारी

मध्य प्रदेश: अवैध बंदूक और कारतूस संग पकड़े गए पांच शिकारी

खंडवा के मोघट थाना अंतर्गत अवैध रूप से हथियार रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके कब्जे से 12 बोर की एक-एक बंदूक सहित दो -दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। पकड़े गए पांचों आरोपी पारदी समुदाय से हैं, और इन बंदूकों का इस्तेमाल जंगलों में जानवरों का शिकार करने के लिए करते थे।

घर पर अवैध रूप से बंदूक रखकर जंगली जानवरों का शिकार करने और आसपास के लोगों पर बंदूक का रौब झाड़ने वाले लोगों पर खंडवा पुलिस की लगातार कार्रवाई जारी है। रविवार देर रात भी शहर के मोघट थाना अंतर्गत पकड़े गए पांच आरोपियों से 12 बोर की पांच बंदूक सहित 10 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी जंगली जानवरों के शिकार के लिए इन बंदूकों का इस्तेमाल करते थे, जिन्हें खंडवा के एक अवैध रूप से बंदूक बेचने वाले व्यापारी से खरीदा गया था।

खंडवा के मोघट थाना अंतर्गत अवैध रूप से हथियार रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके कब्जे से 12 बोर की एक-एक बंदूक सहित दो -दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। पकड़े गए पांचों आरोपी पारदी समुदाय से हैं, और इन बंदूकों का इस्तेमाल जंगलों में जानवरों का शिकार करने के लिए करते थे। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने इन आरोपियों की धर पकड़ शुरू की, और पांचों आरोपियों के कब्जे से 12 बोर की पांच बंदूक सहित 10 कारतूस भी जब्त किए हैं। इनकी कीमत 142000 रुपये बताई जा रही है। वहीं पकड़े गए आरोपियों में गणेश पिता भजनसिंग निवासी धावडी चौकी रोशनी जिला खंडवा, कृष्णा उर्फ रमन सिसोधिया पिता नरसिंग निवासी रजूर थाना हरसूद जिला खंडवा, अरविन्द पारदी पिता रामराज निवासी भीलखेडी सराय थाना पिपलोद जिला खंडवा, विष्णु पारदी पिता भजनसिंह निवासी धावडी चौकी रोशनी थाना खालवा जिला खंडवा एवं युवराज उर्फ पोनेलाल पिता रामराणा निवासी भीलखेड़ी सराय थाना पिपलोद जिला खंडवा हैं।

पूर्व बंदूक व्यापारी से खरीदे थे अवैध हथियार
मिली जानकारी के अनुसार इन सभी से जब्त अवैध हथियार खंडवा के पूर्व बंदूक व्यापारी अजहर बक्श पिता इलियास बक्श से खरीदे गए थे। इसके पिता के नाम पर पहले शस्त्र बेचने का लायसेंस था, जो कि साल 2005 में शासन द्वारा निरस्त कर दिया गया था। हालांकि अजहर उसके बाद भी अवैध रूप से हथियार बेचने का काम करता रहा, और शहर व आस-पास के शिकारियो को बड़ी मात्रा में कारतूस भी प्रदान करता रहा।