दिल्ली विश्वविद्यालय में विद्यार्थी जल्द ही ड्रोन उड़ाना, बनाना और मरम्मत करना सीखेंगे। बाजार में ड्रोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए विद्यार्थियों के लिए पॉयलट ट्रेनिंग फॉर ड्रोन नाम से एक कौशल आधारित पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। यह जनवरी में शुरू किए गए सेंटर फॉर इनोवेटिव स्किल बेस्ड कोर्स के अंतर्गत चलाया जाएगा। इसकी सफलता के बाद ड्रोन बनाने और मरम्मत करने से संबंधित स्किल पाठ्यक्रमों को शुरू किया जाएगा। वर्तमान में इस सेंटर के तहत 12 ऑफलाइन व ऑनलाइन स्किल कोर्सेज संचालित किए जा रहे हैं। इस साल के अंत तक इस सेंटर में स्किल कोर्सेज की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो जाएगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 कौशल आधारित शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देती है। ऐसे में विद्यार्थियों में कौशलों को बढ़ावा देने के लिए डीयू में इस साल जनवरी में सेंटर फॉर इनोवेटिव स्किल बेस्ड कोर्स (सीआईएसबीसी) शुरू किया गया था। डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक व स्किल कमेटी की चेयरमैन प्रो पायल मागो ने बताया कि 12 स्किल कोर्सेज के पूल में जल्द ही ड्रोन आधारित कोर्स शुरु करने जा रहे हैं। इसमें विद्यार्थियों को ड्रोन उड़ाना सिखाया जाएगा। अगस्त-सितंबर तक इसे शुरू कर दिया जाएगा। ड्रोन के क्षेत्र में स्थापित नामी कंपनियों से बातचीत चल रही है जिनसे इस कोर्स के लिए करार किया जाएगा।
प्रो मागो ने कहा कि यह कोर्स बिल्कुल नया है और विद्यार्थियों में बाजार की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रासंगिक व्यावहारिक कौशल प्रदान करेगा। ड्रोन का उपयोग काफी बढ़ गया है खासकर ड्रोन उड़ाने वाले लोगों की अभी कमी है, जबकि बाजार में इनकी काफी जरूरत है। भविष्य में ड्रोन का प्रयोग बड़े पैमाने पर सुरक्षा के लिए भी होगा, वहीं कृषि क्षेत्र, फोटोग्राफी में भी इसकी काफी उपयोगिता है। चूंकि स्किल की काफी डिमांड होने लगी है और यही कोर्स विद्यार्थी बाहर से सीखेंगे तो उन्हें लाखों रुपये खर्च करने पड़ेेंगे। जबकि यहां इस कोर्स के लिए मात्र दस हजार रुपये फीस देनी होगी।
सेंटर में ये स्किल कोर्स चलते हैं
रेडियो जॉकिंग, स्टेनोग्राफी, वीडियो एडिटिंग, एनिमेशन, मेडिकल ट्रांस्क्रिप्शन, जीएसटी एक्जिक्यूटिव, फाइनेंशियल एडवाइजर, अंग्रेजी दक्षता, साइबर सुरक्षा, कर मूल्यांकन, बेकरी और कन्फेक्शनरी, ए/सी और रेफ्रिजरेटर रिपेयर कोर्स।
कॉलेजों में आयोजित होंगे प्रदर्शन सत्र
पॉयलट ट्रेनिंग फॉर ड्रोन कोर्स शुरू करने से पहले जुलाई में कॉलेज खुलने पर प्रत्येक कॉलेज में एक प्रदर्शन सत्र आयोजित किया जाएगा। इन सत्रों को आयोजित करने के पीछे उद्देश्य विद्यार्थियों में इस कोर्स के प्रति रुचि बढ़ाना है। इससे विद्यार्थियों को पता होगा कि वह क्या सीखेंगे और इसको सीखने से क्या लाभ मिलेगा।
सितंबर तक विदेशी भाषा का कोर्स शुरू किया जाएगा
सितंबर तक एक विदेशी भाषा का कोर्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसमें फ्रैंच, जर्मनी व स्पेनिश भाषा शामिल है। जिस भी भाषा के लिए अच्छा रिस्पांस मिलेगा उसे ही शुरू करेंगे। विदेशी भाषा सीखने से विद्यार्थी के पास करियर के अच्छे विकल्प उपलब्ध हो जाएंगे।