छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एसीबी की टीम ने शिक्षा विभाग में पदस्थ एक बाबू को 25 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा है। उक्त बाबू के द्वारा एक पीड़ित से उसकी पत्नी के उपचार हेतु मेडिकल बिल पास कराने के नाम पर पैसे की मांग की गई थी।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, रायगढ़ जिले के खरसिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम खम्हार मिडिल स्कूल में पदस्थ शिक्षक उमेन सिंह चैहान ने 17 अगस्त को एसीबी बिलासपुर आफिस में शिकायत करते हुए बताया था कि उसकी पत्नी के इलाज से संबंधित बिल पास कराने के नाम पर उस स्कूल के बाबू ओमप्रकाश नवरत्न ने उससे 25 हजार रुपये की मांग की है।
रंगे हाथ पकड़ा गया बाबू
एसीबी की टीम ने आज योजनाबद्ध तरीके प्रार्थी उमेन सिंह चैहान को 25 हजार रूपये देकर खम्हार स्कूल भेजा गया। जहां उसने जैसे ही स्कूल के बाबू ओमप्रकाश नवरत्न को पैसे दिये वैसे ही एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
बताया जा रहा है कि रिश्वत की मांग करने वाले स्कूल के बाबू ओमप्रकाश नवरत्न को रंगे हाथ पकड़ने के बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 1988 के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
बताया जा रहा है कि मेडिकल बिल पास कराने के नाम पर स्कूल के बाबू के द्वारा पैसे की मांग किये जाने के बाद से प्रार्थी उसे रंगे हाथ पकडवाना चाहता है इसलिये उसने बिलासपुर एसीबी में मामले की शिकायत की थी।
कबीरधाम जिले में एसीबी की कार्रवाई
एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) की टीम ने कबीरधाम जिले में दबिश दी है। इस टीम ने बोड़ला जनपद पंचायत के अकाउंटेंट को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। मिली जानकारी अनुसार, प्रार्थी मोती बैगा, ग्राम कुकरापानी, तहसील बोड़ला ने एंटी करप्शन ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत की गई थी कि उसकी पत्नी ग्राम पंचायत कुकरापानी की सरपंच है।
शासन द्वारा उनके ग्राम पंचायत को आंगनबाड़ी भवन कार्य के लिए 11.69 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। धनराशि का आहरण जनपद पंचायत बोड़ला कार्यालय से होना था। लगभग 5.84 लाख रुपए ग्राम पंचायत को जारी भी कर दिए गए थे। लेकिन, जनपद कार्यालय के अकाउंटेंट नरेन्द्र कुमार राउतकर द्वारा अगली किश्त जारी करने के एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी।
प्रार्थी मोती बैगा रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के बाद आज गुरुवार 12 सितंबर को देर शाम ट्रैप कर आरोपी नरेन्द्र कुमार राउतकर को प्रार्थी से एक लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
अकाउंटेंट का विवादों से गहरा नाता
एसीबी की कार्रवाई में गिरफ्तार अकाउंटेंट नरेन्द्र कुमार राउतकर का विवादों से गहरा नाता रहा है। यह बोड़ला में ही करीब 30 वर्ष से पदस्थ है। वर्ष 2021 में जनपद पंचायत बोड़ला में पदस्थ नरेन्द्र कुमार राउतकर के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था।
इसने फर्जी तरीके ने न सिर्फ अपने भतीजे की सहायक ग्रेड- 3 पद पर नौकरी लगाई, बल्कि बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर पहले से काम रहे चार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों से पांच-पांच लाख यानी कुल 20 लाख रुपए घूस लेकर उन्हें रेगुलर (नियमित) करने का आरोप लगा था। उन्हें एक साल का वेतन सहित एरियर्स का भी भुगतान कर दिया था। हालांकि, उस समय कलेक्टोरेट से जांच बैठाई गई थी। तब सस्पेंड किया गया था।