राजधानी में दीपावली के समय में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इस बार वायु गुणवत्ता के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। डीपीसीसी दीपावली से पहले ही वायु गुणवत्ता की विशेष निगरानी करेगी। वायु गुणवत्ता की निगरानी तीन चरण में पूरा करेगी। इसमें दीपावली से पहले के सप्ताह और दीपावली के दौरान व इसके एक सप्ताह बाद तक हवा में प्रदूषण के स्तर को देखा जाएगा। ऐसे में पीएम 2.5, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धातु लेड, निकल और पीएम 10 के अनुसार जैसे मापदंडों का विश्लेषण किया जाएगा।
निगरानी की शुरुआत 24 अक्तूबर की सुबह छह बजे से की जाएगी। इसमें दिल्ली में तीन स्थानों पर इसे दर्ज किया जाएगा, जिसमें अशोक विहार स्थित सत्यवती कॉलेज, विवेक विहार के शाहदरा स्थित आईटीआई व श्री अरबिंदो मार्ग एनआईटीआरडी पर लगातार 15 दिनों तक 24 घंटे वायु प्रदूषण के स्तर की निगरानी की जाएगी। इसके लिए समिति निजी एजेंसी को काम सौंपेगी। इसकी रिपोर्ट सात दिनों के अंदर जमा करनी होगी। इस दौरान अनुमानित लागत 8 लाख रुपये है। हालांकि, इस साल भी दीपावली पर पटाखों पर रोक है।
दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए यह फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने पिछले साल की तरह इस साल भी पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। डीपीसीसी के अधिकारियों का कहना है कि दीपावली के दौरान दिल्ली की हवा बेहद खराब हो जाती है। ऐसे में निगरानी का उद्देश्य यह पता करना है कि प्रदूषण किस स्रोत से अधिक उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले और बाद में इसका अंतर स्पष्ट होना जरूरी है।
डीपीसीसी के अधिकारी करेंगे औचक निरीक्षण
विशेष निगरानी के लिए जिस एजेंसी की नियुक्त होगी, वह डीपीसीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समन्वय करेगी। डीपीसीसी निगरानी कार्य की प्रगति को जांचने के लिए अधिकारियों को तैनात कर सकती है। इसके अलावा डीपीसीसी के अधिकारी निगरानी कार्य के तहत किसी भी साइट पर एजेंसी/निगरानी स्थानों की विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला का औचक दौरा कर सकते हैं। डीपीसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दीपावली के समय लोगों को सांस लेने में अधिक दिक्कत होती है। ऐसे में इसका ठोस उपाय करना जरूरी है। इससे प्राप्त होने वाले आंकड़ों का गहनता से विश्लेषण किया जाएगा। दीपावली के दौरान आतिशबाजी और पटाखे जलाने से वायुमंडल में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है।
डीपीसीसी ने जारी की ई-निविदा
डीपीसीसी ने तत्काल आधार पर दिल्ली में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के लिए ई-निविदा आमंत्रित की है। अनुबंध दिए जाने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा। इसे संतोषजनक सेवा और समान दरों, नियमों और शर्तों पर एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India