नेचुरल मिनरल्स से भरपूर काला नमक गुलाबी, गहरे भूरे या बैंगनी रंग में पाया जाता है। जिसमें आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स पाए जाते हैं, इसके साथ ही इसकी सुगंध में हल्की सल्फरी खुशबू होती है जो इसे आम नमक से खास (Black Salt For Health) बनाती है। हमारे भारतीय व्यंजनों में इसका इस्तेमाल चाट, रायता, सलाद और कई पेय पदार्थों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में यह पाचन सुधारने, गैस और एसिडिटी से राहत देने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में फायदेमंद माना गया है। इसके अलावा इससे सेहत को कई अन्य फायदे (Health Benefits of Black Salt Water) भी मिलते हैं, जिनकी जानकारी इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं।
पाचन तंत्र को बेहतर बनाए
काला नमक का पानी पाचन एंजाइमों को सक्रिय करता है, जिससे खाने का पाचन अच्छे से होता है।यह गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भी सहायक है।
वजन घटाने में मददगार
काला नमक का पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती हैं और वजन नियंत्रण में रहता है।इसके नियमित सेवन से पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए
काला नमक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स शरीर की इम्यून पावर को बढ़ाते हैं,जिससे शरीर को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
गले की खराश में राहत
गुनगुने पानी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाले काला नमक को मिलाकर पीने से गले में आराम मिलता है और खांसी कम होती है।
हार्ट हेल्थ में सुधार
काला नमक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार है, जिससे हार्ट की मांसपेशियों पर दबाव कम होता है। यह हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने में भी काफी मदद करता है।
त्वचा में निखार
काले नमक के पानी से बॉडी डिटॉक्स होती है,जिससे त्वचा में निखार आता है और मुंहासों और त्वचा के दाग-धब्बों को कम करने में भी सहायक है।
इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति
काला नमक में सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखते हैं।
बॉडी डिटॉक्स करे
काले नमक का पानी लिवर और किडनी को साफ कर डिटॉक्स प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। इसलिए आप भी डिनर के बाद इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
थकान और कमजोरी से राहत
काले नमक में पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर को पोषण देते हैं, जिससे थकान और कमजोरी कम होती है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है।