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साल 2025 में रहेंगे विवाह के इतने मुहूर्त, इस दौरान नहीं होगा कोई भी मांगलिक कार्य

हिंदू धर्म में कोई भी कार्य बिना शुभ मुहूर्त को जाने नहीं किया जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले उनका शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी होती है। खासतौर पर शादी जो जीवन के सबसे महत्वपूर्ण समय में से एक है और यह हमारे शास्त्रों में वर्णित 16 संस्कारों का भी हिस्सा है। विवाह के लिए मुहूर्त का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका असर हमारे जीवन के साथ-साथ उस कार्य पर भी पड़ता है।

जब साल 2025 की शुरुआत होने ही वाली है, तो आइए इस साल विवाह (Vivah Muhurat 2025) के कितने शुभ मुहूर्त हैं उसके बारे में जानते हैं।

साल 2025 में विवाह की शुभ तिथि और मुहूर्त

  • जनवरी 2025 विवाह का मुहूर्त – जनवरी महीने में 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 जनवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
  • फरवरी 2025 विवाह का मुहूर्त – 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 और 25 फरवरी को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
  • मार्च 2025 विवाह का मुहूर्त -1, 2, 6, 7 और 12 मार्च को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
  • अप्रैल 2025 विवाह का मुहूर्त – 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 अप्रैल में कुल 9 शादी के मुहूर्त हैं।
  • मई 2025 विवाह का मुहूर्त – 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 मई को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
  • जून 2025 विवाह का मुहूर्त – 2, 4, 5, 7 और 8 जून को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
  • नवंबर 2025 विवाह का मुहूर्त – 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर को शादी के शुभ मुहूर्त हैं।
  • दिसंबर 2025 विवाह का मुहूर्त – 4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।

इन चार महीनों में नहीं है कोई भी शुभ मुहूर्त

जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि जून में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। वहीं, नवंबर और दिसंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।

विवाह का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जो कई प्रकार की परंपराओं और मान्यताओं से समृद्ध है। इस परंपरा में से एक शुभ विवाह भी है, यह जीवन का सबसे खुशनुमा पल होता है। विवाह कई तरह से किए जाते हैं, प्रत्येक के अपने-अपने रीति-रिवाज और महत्व होते हैं।

हिंदू धर्म में यह 16 संस्कारो मे से एक होता है और इसके बगैर कोई भी व्यक्ति ग्रहस्थाश्रम में प्रवेश नहीं कर सकता है। इसलिए हमारे शास्त्रों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी माना जाता है।