चीनी साइबर हैकरों ने यूएस के ट्रेजरी डिपार्टमेंट को निशाना बनाया है। इस साइबर अटैक में हैकरों को ट्रेजरी के कुछ वर्कस्टेशनों का एक्सेस मिल गया था। डिपार्टमेंट ने इस संबंध में अमेरिकी संसद को जानकारी दी है।
ट्रेजरी के प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना इसी महीने की शुरुआत में हुई। चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर हैकरों ने थर्ड पार्टी साइबर सिक्योरिटी प्रोवाइडर की सुरक्षा को भेद दिया और ट्रेजरी वर्कस्टेशन व कुछ अनक्लासिफाइड डाक्यूमेंट्स का रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया।
एजेंसी कर रही जांच
थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर बेयॉन्ड ट्र्स्ट ने जब इस संबंध में जानकारी दी, तब ट्रेजरी ने यूएस साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी से संपर्क किया। फिलहाल डिपार्टमेंट, लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों के साथ मिलकर नुकसान का अध्ययन कर रहा है और मामले की जांच की रही है।
थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं ऑफलाइन कर दी गई हैं और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि हैकरों के पास ट्रेजरी के सिस्टम या इंफॉर्मेशन का एक्सेस हो।
ट्रेजपी डिपार्टमेंट प्रवक्ता
चीन प्रायोजित था अटैक
सीनेट बैंकिग कमेटी को लिखे पत्र में ट्रेजरी ने कहा, ‘उपलब्ध संकेतों के आधार पर यह पता चलता है कि इस साइबर हमले के तार चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित एडवांस पर्सिस्टेंट थ्रेट से जुड़े हैं।’
चीन पर लगे हैं कई आरोप
एडवांस पर्सिस्टेंट थ्रेट उन साइबर हमलों को कहा जाता है, जिसमें कोई हैकर किसी सिस्टम का अनधिकृत रूप से प्रवेश पा जाता है, लेकिन लंबे वक्त तक इसकी भनक नहीं लग पाती।
जारी होगी सप्लीमेंट्री रिपोर्ट
हालांकि डिपार्टमेंट ने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी कि सुरक्षा में सेंध के क्या प्रभाव पड़ा है। उनकी तरफ से कहा गया है कि इस संबंध में अधिक जानकारी के साथ एक सप्लीमेंट्री रिपोर्ट जारी की जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि डिपार्टमेंट यूएस के फाइनेंशियल सिस्टम को खतरों से बचाने के लिए काम करता रहेगा। ट्रेजरी ने प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ‘डिपार्टमेंट अपने डाटा और सिस्टम के खिलाफ पैदा हुए किसी भी खतरे को काफी गंभीरता से लेता है।’
चीन पर लगातार लग रहे आरोप
अमेरिका समेत दूसरे कई देशों ने बीते कुछ समय में कई बार चीन की सरकार पर हैकरों की मदद से उनके सरकारी, सैन्य और व्यवसायिक विभागों पर साइबर टारगेट करने का आरोप लगाया है।
हालांकि चीन ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह किसी भी तरह के साइबर हमले के खिलाफ है। सितंबर में यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने 2 लाख डिवाइस को निशाना बनाने वाले साइबर अटैक नेटवर्क को खत्म करने का दावा किया था। इसके भी तार चीन से जुड़े थे।
इसके पहले टी-मोबाइल सहित कई अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों को भी चीनी हैकरों ने निशाना बनाया था।