Saturday , January 4 2025
Home / बाजार / Indian Economy: 2025 में कैसे रहेगी भारत की इकोनॉमी

Indian Economy: 2025 में कैसे रहेगी भारत की इकोनॉमी

कोरोना महामारी के बाद से कुछ साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छे रहे। इस दौरान भारत ने लगातार 6 से 8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ हासिल की। लेकिन, वित्त वर्ष 2024-25 की सितंबर तिमाही में भारत की विकास दर घटकर 5.4 फीसदी पर गई। यह सात तिमाहियों का सबसे निचला स्तर है। इस दौरान मुद्रास्फीति काफी तेजी से बढ़ी, जिसका सीधा खपत पर पड़ा। आइए जानते हैं कि 2025 भारत की इकोनॉमी के लिहाज से कैसा रह सकता है। क्या महंगाई बढ़ेगी, आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा या नहीं।

2024-25 की तीसरी तिमाही में सुधरेगी इकोनॉमी?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में जीडीपी ग्रोथ के घटकर 5.4 फीसदी पर आने को ‘अस्थायी झटका’ बताया था। उनका कहना था कि भारत की विकास दर आने वाली तिमाहियों में मजबूत बनी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अर्थशास्त्रियों का भी कहना है कि 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। इसकी वजह फेस्टिव सीजन में अच्छी बिक्री है। साथ ही, ग्रामीण मांग में लगातार सुधार हो रहा है।

फरवरी एमपीसी में ब्याज दरों में कटौती होगी?

आर्थिक विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए अब सभी की नजरें आरबीआई की फरवरी 2025 एमपीसी पर हैं। केंद्रीय बैंक का मौद्रिक नीति पैनल नए गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुआई में पहली बार मीटिंग करेगा। यह बैठक 2025-26 के केंद्रीय बजट के तुरंत बाद होगी, जिसमें मोदी सरकार के तीसरे चरण के आर्थिक और राजकोषीय रोडमैप को पेश किया जाएगा। वैश्विक तनाव और अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के मद्देनजर इसकी अहमियत काफी ज्यादा रहने वाली है।

आने वाले वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संभावनाएं उज्ज्वल दिख रही हैं और हम उम्मीद कर सकते हैं कि विकास दर वित्त वर्ष 25 के लिए अपेक्षित 6.6-6.8 प्रतिशत के अलावा 7 प्रतिशत के स्तर को पार कर जाएगी। आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में कमी आने से खपत में वृद्धि होगी, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह इकोनॉमी के काफी पॉजिटिव संकेत है।

मदन सबनवीस, मुख्य अर्थशास्त्री, बैंक ऑफ बड़ौदा

क्या भारत की आर्थिक ग्रोथ मजबूत बनी रहेगी?
ज्यादातर आर्थिक जानकारों का मानना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ आने वाले समय में शानदार रहा है, क्योंकि हमारी आर्थिक बुनियाद काफी मजबूत है। यहां ग्रोथ की भी अपार संभावनाएं हैं। 2024-25 के लिए, रियल जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी और 2025-26 की पहली तिमाही के लिए 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में जून तिमाही में ग्रोथ 7.3 फीसदी तक जा सकती है। एक्सपर्ट का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा भी ट्रंप की नीतियों पर काफी ज्यादा निर्भर करेगी, जो 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालेंगे।

भारत का इकोनॉमी का भविष्य उज्ज्वल
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता के बीच, भू-राजनीतिक तनाव और टैरिफ से जुड़े जोखिम के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक दृष्टिकोण काफी उज्ज्वल दिखाई देता है। उन्होंने कहा, “आगामी वित्त वर्ष 2026 का केंद्रीय बजट भी इकोनॉमी की दिशा तय करेगा। इसमें सरकार की नीतियों की बेहतर झलक मिलेगी। हालांकि, रुपया पिछले महीने की तरह सुर्खियों में बना रह सकता है।’