ब्लैक हेडेड आइबिस (सफेद बुज्जा) जल में पाए जाने वाले सांपों को निगल लेता है। मछली, मेंढक, जलीय कीड़े-मकोडे़ इनका भोजन होते हैं। ये विदेशी मेहमान हैं, जो चीन, म्यांमार, मलेशिया और मंगोलिया से आते हैं।
चंबल सेंक्चुअरी की बाह रेंज में 28 जनवरी को जलीय जीवों के साथ प्रवासी-अप्रवासी पक्षियों का भी सर्वे हुआ। इस दौरान चीन, म्यांमार, मलेशिया, मंगोलिया से आने वाले 48 ब्लैक हेडेड आइबिस पक्षी दिखे।
रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि ब्लैक हेडेड आइबिस नदी क्षेत्र में सांपों को निगल रहे हैं। आम तौर पर मछली, मेढक, जलीय कीड़े इनका भोजन होते हैं। लेकिन बाह रेंज में जलीय सांपों को पकड़ कर निगलते हुए और उड़ान भरते हुए दिखना आम बात है। ब्लैक हेडेड आइबिस का वैज्ञानिक नाम थ्रेसकोर्निस मेलानोसेफालस है। स्थानीय नाम सफेद बुज्जा है। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक संघ (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में खतरे के करीब दर्ज ब्लैक हेडेड आइबिस की चंबल क्षेत्र में मौजूदगी सुखद है।
ऐसे दिखते हैं ब्लैक हेडेड आइबिस
ब्लैक हेडेड आइबिस का सिर, गर्दन और पैर काले होते हैं। पंख सफेद होते हैं। चोंच नीचे की ओर मुड़ी हुई होती है। इनकी लंबाई करीब 65-70 सेमी होती है। वजन 1-1.20 किग्रा, पंख फैलाव 90-110 सेमी होता है। नर मादा एक जैसे होते हैं।
1,417 से 1,529 हुई प्रवासी-अप्रवासी पक्षियों की संख्या
गणना के दौरान 1,529 प्रवासी-अप्रवासी पक्षी मिले हैं। रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि सबसे अधिक 243 बार हेडेड गूज तथा सबसे कम 10 परपल हेरॉन मिले हैं।
ग्रे हेरॉन 32, लार्ज ईग्रेट 42, कैटल ईग्रेट 68, ब्लैक हेडेड आइबिस 48, वुली नेक्ड स्टॉर्क 12, किंग फिशर 70, पाइड किंग फिशर 91, इंडियन स्कीमर 65, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट 181, रेड वैटल्ड लैपविंग 118, थिकनी 52, सफेद गिद्ध 26, रिवर टर्न 48, सेंड पाइपर 86, पेंटेड स्टॉर्क 25, कार्मोरेंट 25, व्हाइट नेक्ड स्टाॅर्क 18, रुडी शैलडक 185, व्हिसलिंग टील 25, रिवर लैपविंग 24, व्हाइट वेगटेल 35 शामिल हैं।
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