महिला संबंधित अपराधों की सुनवाई को और भी गंभीरता से लिया जाएगा। इसके लिए अब महिला थाने का नाम बदलकर वुमेन सेफ्टी सेल रखा गया है, जहां नई व्यवस्था के तहत तीन महिला चौकियां बनाई गई हैं।
आगरा पुलिस कमिश्नरेट में महिला उत्पीड़न के मामलों में सुनवाई के लिए नई व्यवस्था की गई है। महिला थाने का नाम बदलकर वुमेन सेफ्टी सेल कर दिया जाएगा। सेल में विक्टिम सपोर्ट टीम होगी, जो मुकदमे लिखाने से लेकर मेडिकल, बयान दर्ज कराने और कोर्ट में पैरवी तक में मदद करेगी। टीम में पुलिस के साथ सिविल सोसाइटी के लोग भी रहेंगे। सेल में कोई प्रभारी नहीं होगा। मगर, थाने की तरह काम करेगी। 17 फरवरी तक इसे शुरू करने की योजना है।
प्रदेश में पहली बार किसी कमिश्नरेट में महिला थाने का नाम बदला जा रहा है। महिला थाने में कम ही पीड़िताएं पहुंचती हैं। थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क बनी हैं। परिवार परामर्श केंद्र और सहायता सेल भी है इनको एक छत के नीचे लाया जा रहा है। महिला थाना में वुमेन सेफ्टी सेल संचालित होगी। इसमें तैनाती के लिए प्रशिक्षु महिला दरोगाओं से आवेदन मांगे गए हैं।
टीम पर अलग-अलग मामलों की जिम्मेदारी
एसीपी क्राइम अगेंस्ट वुमेन डाॅ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि सेल में आगंतुक कक्ष होगा। विक्टिम सपोर्ट टीम के कक्ष बने होंगे। टीम में एक एसआई, एक हेड कांस्टेबल, एक सिपाही और दो सिविल सोसाइटी के सदस्य होंगे। मनोवैज्ञानिकों के साथ ही विधि की छात्राओं को भी शामिल किया जाएगा। प्रत्येक टीम की अलग-अलग जिम्मेदारी होगी। दुष्कर्म, पाॅक्सो, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न और अन्य मामलों को सुनने की जिम्मेदारी अलग-अलग टीम पर होगी। किसी भी थाने में महिला संबंधी अपराध का मुकदमा दर्ज होने पर वुमेन सेफ्टी सेल की नजर रहेगी।
तीन महिला चौकियों पर भी सुनवाई
एसीपी ने बताया कि महिला थाने की बाह, किरावली और लोहामंडी थाने में आदर्श महिला चौकी है। किरावली और बाह की महिला चौकियां रिपोर्टिंग चौकियां हैं। इनका विस्तार किया जाएगा। इन्हें भी वुमेन सेफ्टी सेल ही देखेगी। सेल में अगर, कोई व्यक्ति या छात्र अपनी सेवाएं देना चाहता है तो वह भी आवेदन कर सकते हैं। जो टीम अच्छा कार्य करेंगी, उनको सम्मानित किया जाएगा।
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