रायपुर 17 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आगामी 26 जनवरी को ग्राम पंचायतो में ग्राम सभाओं का आयोजन कर प्रत्येक गांव में पशुओं के लिए गौठान और चारागाह के लिए स्थान चिन्हित की जायेंगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज यहां कृषि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित पांच दिवसीय आठवीं इंडियन हार्टिकल्चर कांग्रेस का शुभारंभ करते हुए कहा कि मनरेगा के माध्यम से गौठानों और चारागाहों का विकास किया जायेगा, इससे लोगों को रोजगार के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे की भी व्यवस्था हो सकेंगी। उन्होने कहा कि खेती-किसानी की प्रगति के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को कृषि से जोड़ा जाना चाहिए।
इस पांच दिवसीय कांग्रेस का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा हार्टिकल्चर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस अवसर पर विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा और सुश्री शकुंतला साहू, केन्द्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष डॉ. व्ही.पाल शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त के.डी.पी. राव भी उपस्थित थे।
श्री बघेल ने कहा कि सिंचाई के साधनों की कमी के साथ खुले में घूमते पशु हमारे कृषि क्षेत्र की बड़ी समस्या है।उन्होंने किसानों से पशुओं को बांधकर रखने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे खेतों की फैंसिंग का खर्च बचेगा, पशुओं का गोबर मिलेगा जिससे जैविक खाद और बायोगैस संयंत्र लगाए जा सकेंगे।मुख्यमंत्री ने जबलपुर में स्थित कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य निर्धारित करने क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रारंभ करने, लघु धान्य फसलों कोदो, कुटकी और रागी जैसी फसलों के समर्थन मूल्य घोषित करने तथा लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने की जरूरत बतायी।
उन्होने कहा कि किसानों को समय-समय पर टमाटर, प्याज और आलू जैसे विभिन्न उद्यानिकी फसलों के सही मूल्य कई बार नही मिल पाते हैं।इसके लिए कृषि विशेषज्ञों को क्षेत्रवार कार्य योजना तैयार कर किसानों को फसल लगाने के संबंध में सलाह देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय परिसर में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण यंत्रों और कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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