भोपाल में विधायक विश्रामगृह के भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक छोटी सी घटना से अपनी सादगी और सिद्धांतों की झलक दी। पूजा के दौरान जब विधायक रामेश्वर शर्मा ने उन्हें दक्षिणा देने के लिए 500 रुपए दिए, तो पूजा खत्म होते ही मुख्यमंत्री ने वही राशि वापस कर दी। उनकी इस विनम्रता से वहां मौजूद सभी लोग प्रभावित हो गए और यह पल चर्चा का विषय बन गया।
भोपाल में हाल ही में आयोजित विधायक विश्रामगृह के भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सादगी और परंपराओं के प्रति सम्मान का एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। पूजा के दौरान जब दक्षिणा देने का समय आया, तब मुख्यमंत्री पूजा में व्यस्त थे और समय पर अपनी जेब से राशि नहीं निकाल सके। इस पर हुजूर विधानसभा से विधायक रामेश्वर शर्मा ने तुरंत अपनी जेब से ₹500 का नोट निकालकर मुख्यमंत्री को थमा दिया ताकि पूजा निर्विघ्न पूरी हो सके।
पूजा संपन्न होते ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने पर्स से 500 रुपए निकालकर तत्काल विधायक शर्मा को लौटा दिए। मुख्यमंत्री की यह आत्मनिर्भरता और पारदर्शिता भरी सादगी कार्यक्रम में मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भावुक कर गई। इस छोटे से लेकिन गहरे संदेश वाले क्षण ने पूरे माहौल को मुस्कान और सहजता से भर दिया।
बता दें कि उज्जैन के धार्मिक वातावरण से गहराई से जुड़े मुख्यमंत्री मोहन यादव की छवि एक धर्मनिष्ठ, सामाजिक मूल्यों को मानने वाले और आत्मसम्मान की भावना रखने वाले जननेता की है। वे न तो किसी से उधार लेना पसंद करते हैं और न ही मुफ्त में कुछ स्वीकार करते हैं। यह दृष्टिकोण उनके सार्वजनिक जीवन में स्पष्ट झलकता है।
इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में विधायक विश्रामगृह के निर्माण कार्य का भूमि पूजन हुआ। यह विश्रामगृह लगभग ₹160 करोड़ की लागत से तैयार होगा, जिसमें 102 आधुनिक फ्लैट और तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, महापौर मालती राय समेत कई प्रमुख जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि सार्वजनिक जीवन में सादगी, अनुशासन और व्यक्तिगत जवाबदेही कितनी बड़ी प्रेरणा बन सकती है।
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