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मोदी मंत्रिमंडल में जनतादल (यू) को मौका नही मिलने पर लालू ने ली चुटकी

पटना 03 सितम्बर।मोदी मंत्रिमंडल के आज हुए विस्तार में जनतादल (यू)को मौका नही मिलने पर राष्ट्रीय जनतादल अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला और चुटकी ली।

लालू ने जनतादल (यू) को मंत्रिमंडल के विस्तार में मौका नही मिलने के जो कारण बताए है,वह अगर वाकई सही है तो भाजपा नीतीश को आने वाले दिनों में करारा झटका दे सकती है।नीतीश पिछले सप्ताह राजग में शामिल होने के बाद उम्मीद लगाए थे कि उन्हे मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में कम से कम दो स्थान मिल जायेगा,पर अगर उन्हे के बयान पर विश्वास करे तो भाजपा ने उन्हे विस्तार में नाम सुझाने तक के लिए पूछा ही नही।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लालू से दूरी बनाने के बाद नीतीश के पास ज्यादा अब विकल्प ज्यादा नही रह गए है।उन्होने बाजपेयी और आडवाणी के समय में गठबंधन को अपनी मर्जी और अपनी हठधर्मिता से सुशील मोदी को मिलाकर चलाया,पर अब उन्हे पता होना चाहिए कि अब मोदी एवं शाह का दौर है। सुशील मोदी के माध्यम से लालू से गठजोड़ तुड़वाने में मोदी एवं शाह ने मदद ले ली लेकिन सुशील मोदी के आधार पर वह नीतीश के साथ हुए गठजोड़ को नही देखेंगे।

राजद अध्यक्ष लालू यादव ने मंत्रिमंडल में जगह नही मिलते ही पहले ट्वीट करके कहा- झुण्ड से भटकने के बाद बन्दर को कोई नहीं पूछता।लालू ने यह भी कहा कि पल्टूराम को कार्ड तक नहीं आया।लालू ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि नीतीश की असल दुर्गति अभी बाकी हैं।लालू ने यह भी कहा कि नीतीश कांग्रेस को तोड़ने में जुटे है ताकि अपने बूते पर बहुमत हासिल कर ले और भाजपा को राम राम कर दे।उन्होने कहा कि भाजपा केन्द्र में सत्ता में है ,उसके पास खुफिया एजेन्सयों की रिपोर्ट पहले ही पहुंच चुकी थी और मोदी एवं शाह वैसे भी नीतीश से काफी सतर्क रहते है।मोदी नीतीश के साथ अपने कटु अनुभव कभी नही भूल सकते।

राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश को माया मिली न राम..। तिवारी ने कहा कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री मोदी, नीतीश कुमार का जिस दिन राज्य के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने आये थे उस दिन दोपहर के भोज के आग्रह को ठुकरा चुके हैं।

फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नही मिलने से नीतीश कुमार की काफी कूटनीतिक फजीहत हो गई है।बिहार भाजपा के भी सुशील मोदी को छोड़ अधिकांश नेता इससे खुश है। उनका मानना हैं कि पार्टी ने पहली बार ये सन्देश साफ़ शब्दों में दिया हैं कि नीतीश कुमार की मनमानी करने के दिन चले गए और अब वो एक नयी बीजेपी के साथ डील कर रहे हैं जहां कार्यकर्ताओं और पार्टी को सर्वोपरि रखा जाता हैं।