बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात के पास कन्नड़-छत्तीसगढ़ी संगम एक अनूठा सांस्कृतिक मेला लगने जा रहा है। जो छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति और कर्नाटक की कन्नड़ परंपराओं को एक मंच पर लाता है। यह आयोजन प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक समन्वय का प्रतीक है, जिसमें स्थानीय कला, नृत्य, और व्यंजन चमकते हैं।
इस संगम का आयोजन 9 और 10 अगस्त को होगा। इस मेले में स्थानीय गोंड और हलबी जनजातियों के पारंपरिक नृत्य के साथ-साथ कर्नाटक के यक्षगान और डोल्लु कुनिथा जैसे नृत्य प्रदर्शन होंगे। स्थानीय व्यंजनों का तड़का लगाया जाएगा। चित्रकोट के 90 फीट ऊंचे जलप्रपात की पृष्ठभूमि में आयोजित यह कार्यक्रम पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक यादगार अनुभव रहेगा। बता दें कि इस आयोजन का उद्देश्य देश की विविधता में एकता को बढ़ावा देना है और इसके अलावा देश की अलग-अलग भाषाओं का सम्मान करना है।
इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले आकाश वर्मा और सिमा वर्मा ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता, सकारात्मक संवाद और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसमे देश की विभिन्न संस्कृतियों को जोड़कर एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प को मजबूती देना शामिल है कार्यक्रम में प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ मिशन से ली गई है। कार्यक्रम की शुरुआत महानदी, कावेरी और तुंगभद्रा के पवित्र जल को चित्रकोट की इन्द्रावती नदी में मिलाकर एक प्रतीकात्मक जल-संगम से होगी, जो भारत माता की सभी संतानों के ऐक्य का जीवंत उदाहरण है। इस आयोजन की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी- तमिल संगमम् से प्रेरित है।
विचार संगोष्ठी में होंगे शामिल होंगे यह प्रमुख विचारक
आईआईएम रायपुर के निदेशक डॉ. राम कुमार काकानी, जो प्रबंधन की दृष्टि से राष्ट्रीय एकता के सूत्र सुझाएँगे। प्रो. उदय रघुनाथ बिर्जे, कर्नाटक के एआई विशेषज्ञ, तकनीक से जोड़ने के नए मार्ग दिखाएंगे।
यक्षगान मंडली की होगी प्रस्तुति
इस आयोजन में कर्नाटक के सिरसी की निर्मला हेगड़े की यक्षगान मंडली दक्षिण भारतीय परंपरा की प्रस्तुत देंगी। इसके अलावा पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा अपनाी प्रस्तुति देंगे। हिंदी और कत्रड़ा में गायिका पद्मिनी ओक गीत गाएंगी।
छग की सिने अभिनेत्री ऋतिका यादव, सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगी। मीडिया से जुड़े सुमित अवस्थी, मीडिया का सकारात्मक पर चर्चा करेंगे। कृष्णा देवराया, विजयनगर साम्राज्य के २०वी पीढ़ी एवं कला और संस्कृति के संयोजक, जयदीप कार्णिक, विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) सुदर्शन, रवि कुमार अय्यर, लेखक तिरुमला देवराय, जो विजयनगर साम्राज्य की अराविदु वंश परंपरा के 21 वीं पीढ़ी के वंशज हैं सहित लेखक गंगासागर पांडा, फिल्म लेखक और निर्देशक अनुपम वर्मा व अन्य मौजूद रहेंगे।
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