Thursday , April 25 2024
Home / MainSlide / 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक-अरुण पटेल

27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक-अरुण पटेल

अरूण पटेल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पूर्व आनन-फानन में ओबीसी(अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अध्यादेश जारी करा दिया है। कमलनाथ के इस मास्टर स्ट्रोक का मकसद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में राज्य की 52 प्रतिशत आबादी के बीच जनाधार बढ़ाना है। उनके एक हाथ में ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने का मास्ट्रक स्ट्रोक होगा तो वहीं दूसरे हाथ में किसानों के दो लाख तक के कर्जमाफी सहित 76 दिन के भीतर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वचनपत्र में किये 83 वायदों को पूरा करने की उपलब्धियां होंगी। कांग्रेस इस प्रकार मतदाताओं के बीच यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि उनकी सरकार घोषणा करने वाली नहीं अपितु तेज गति से फैसलों पर अमल करने वाली सरकार है। इसके पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार को कांग्रेस हमेशा घोषणावीर सरकार निरुपित करते हुए घेराबंदी करती रही है, इसीलिए कांग्रेस सरकार द्वारा अल्प समय में हासिल इन उपलब्धियों को भी लोकसभा चुनाव के प्रचार का एक मुख्य हथियार बनायेगी।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता का सारा दारोमदार कमलनाथ के कंधों पर ही होगा क्योंकि वे सरकार के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस के मुखिया भी हैं। उनकी कोशिश होगी कि राज्य में कांग्रेस को भाजपा से अधिक लोकसभा सीटें मिलें तो वहीं दूसरी ओर भाजपा का चेहरा राज्य में अब भी शिवराज सिंह चौहान ही होंगे, क्योंकि इसमें दो-राय नहीं कि आज भी प्रदेश के अंदर किसी भी प्रादेशिक भाजपा नेता से उनकी पकड़ ज्यादा मजबूत है और जनमानस में अकेले उनकी अभी भी वैसी ही छवि है जिसके भरोसे भाजपा चुनाव में अपने गढ़ों को बचाकर रख सकती है। हालांकि एकता दिखाने के लिए शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव संयुक्त दौरे करेंगे ताकि कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाए कि पार्टी में पूरी तरह से एकजुटता है। फिर भी सारा दारोमदार एक प्रकार से शिवराज के कंधों पर ही होगा। 10 मार्च यानी आज रविवार से तीनों नेता प्रदेश की संसदीय सीटों के संयुक्त दौरे करेंगे, जिसकी शुरुआत नीमच से होगी। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, उपाध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, नंदकुमार सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, फग्गनसिंह कुलस्ते भी उपस्थित रहेंगे।उल्लेखनीय है कि हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान व उसके नतीजे आने के बाद से प्रदेश भाजपा में शीर्ष नेताओं के बीच जो खींचतान बढ़ गई थी उसे थामने के लिए स्वयं अमित शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा। सागर में उन्होंने सभी नेताओं को समझाइश दी कि लोकसभा चुनाव में किसी भी तरह की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद संगठन में कसावट दिखाने के लिए त्रिमूर्ति के संयुक्त दौरों का कार्यक्रम तैयार किया गया है। विजय संकल्प 2019 अभियान के तहत एक-एक कार्यकर्ता संकल्पित हो इसे ध्यान में रखकर जो संयुक्त दौरे किए जायेंगे उनमें प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में विजय संकल्प सभाएं एवं कार्यकर्ताओं से संवाद के आयोजन होंगे।

क्या हैं कमलनाथ के वायदे और इरादे

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्ता की बागडोर संभालते ही इस बात का विशेष ध्यान रखा कि उनकी सरकार काम करने वाली सरकार की छवि बनाये इसलिए वचनपत्र में जो वायदे किए गए थे उन्हें एक के बाद एक प्राथमिकता के आधार पर अमल में लाने को अपने एजेंडे में सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। एक चतुर राजनेता की तरह उन्हें समय की नजाकत मालूम थी तथा वे भलीभांति जानते थे कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सारा दारोमदार उनके ऊपर ही निर्भर रहेगा। जिस ढंग से ओबीसी आरक्षण बढ़ाया गया है उसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के चयन में कांग्रेस इन वर्गो को अपेक्षाकृत ज्यादा तरजीह देंगी। कमलनाथ दावा है कि 25 लाख किसानों के कर्ज माफ करते हुए उन्हें कर्जमुक्ति के प्रमाणपत्र दे दिए गए हैं और वचनपत्र के अनुसार शेष 25 लाख किसानों का भी कर्ज माफ करेंगे। आदिवासी वित्त विकास निगम से जिसने एक लाख तक का कर्ज लिया था और जो चुका नहीं पा रहे हैं उनका कर्ज भी माफ किया जायेगा। इसका लाभ 83 फीसदी कर्जदारों को मिलेगा। प्रदेश में भाजपा सरकार के तीनों मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग के रहे हैं इसलिए कांगे्रस ने ओबीसी वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का आधार आबादी को बनाया है और प्रदेश कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के मुखिया सांसद राजमणि पटेल का दावा है कि प्रदेश में ओबीसी की आबादी 52 प्रतिशत है, इस हिसाब से 14 प्रतिशत आरक्षण कम है। प्रदेश में अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है। दस प्रतिशत आरक्षण सामान्य वर्गों के आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को देने के लिए एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है, एक माह में अपना प्रतिवेदन देगी। 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान नई भर्तियों से लागू होगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है। विधानसभा के मानसून सत्र में इस अध्यादेश के स्थान पर विधेयक लाया जायेगा। कमलनाथ का कहना है कि संविधान में केन्द्र व राज्य दोनों के लिए अलग-अलग अधिकार तय हैं, इन्हीं अधिकारों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है। चूंकि नई भर्तियों से अब यह व्यवस्था लागू होगी तो मध्यप्रदेश में प्रत्येक 100 में से 37 पद सामान्य वर्ग के लिए होंगे तो 27 पद ओबीसी के लिए, 20 पद अनुसूचित जनजाति के लिए और 16 पद अनुसूचित जाति के लिए होंगे। इस प्रकार प्रदेश में कुल 63 प्रतिशत आरक्षित पद हो जायेंगे। ओबीसी का आरक्षण बढ़ने के बाद कांग्रेस को भरोसा है कि प्रदेश की कम से कम 18 लोकसभा सीटों पर उसे इसका जबरदस्त फायदा मिलेगा।

और यह भी

मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि प्रदेश में कांग्रेस 25 से अधिक लोकसभा सीटें जीतेगी और इसके साथ ही उन्होंने मीडिया को यह भरोसा दिलाया कि 15 मई के बाद कोई भी तारीख चुन लीजिए हम लोग इसी जगह पर मिलेंगे तब देश के प्रधानमंत्री के पद पर मोदी नहीं रहेंगे। भाजपा का लक्ष्य है कि प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटें उसकी झोली में आयें। उसकी कोशिश है कि कांग्रेस के छिंदवाड़ा, गुना और झाबुआ के किले में भी सेंधमारी की जाए। 2014 के चुनाव में उसने झाबुआ सीट जीत ली थी लेकिन बाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी। चुनाव नतीजों से ही पता चल सकेगा कि किसके दावे में कितना दम था। जहां तक दावों का सवाल है भाजपा हमेशा बढ़चढ़ कर दावा करती रही है। उसने हाल के विधानसभा चुनावों में 200 प्लस का दावा किया था। लेकिन यह लक्ष्य वह राजस्थान व छत्तीसगढ़ को मिलाकर भी नहीं पूरा कर पाई। छत्तीसगढ़ में 65 प्लस का नारा दिया था वहां उसे मात्र 15 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर भाजपा ने जो अपने लिए लक्ष्य निर्धारित किया था उससे आगे निकल गयी। कमलनाथ ने लोकसभा के लिए 25 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है लेकिन यदि मध्यप्रदेश में 15 के आसपास कांग्रेस सीटें जीत लेती है तो यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। फिलहाल कांग्रेस के तीन लोकसभा सदस्य हैं।

 

सम्प्रति-लेखक श्री अरूण पटेल अमृत संदेश रायपुर के कार्यकारी सम्पादक एवं भोपाल के दैनिक सुबह सबेरे के प्रबन्ध सम्पादक है।