केंद्र सरकार के 2025-26 तक 20% इथेनॉल के साथ पेट्रोल बनाने के लक्ष्य को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कोई विदेशी यह नहीं बताएगा कि पेट्रोल कैसे इस्तेमाल करना है। याचिकाकर्ता ने पुराने वाहनों पर E20 के प्रभाव की बात कही जबकि सरकार ने इसे गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद और विदेशी मुद्रा बचाने वाला बताया।
केंद्र सरकार ने 2025-26 तक E20 ब्लेंड पेट्रोल बनाने का लक्ष्य रखा।
इंग्लैंड के शख्स ने E20 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका।
केंद्र सरकार का पक्ष सुनते ही सुप्रीम कोर्ट ने रद की याचिका।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि कोई विदेशी हमें नहीं बताएगा कि पेट्रोल कैसे इस्तेमाल करना है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका
केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा। याचिका की सुनवाई शुरू होते ही जब अटॉर्नी जनरल ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता वास्तव में इंग्लैंड का है, जिसने एथेनॉल से पेट्रोल बनाने पर आपत्ति दर्ज की है। यह सुनते ही पीठ ने यह याचिका खारिज कर दी।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India