
रायपुर, 04 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने संपत्ति कर प्रणाली के युक्तियुक्तकरण पर जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2016 के बाद सुधार न होने से कई जगह विसंगतियां पैदा हुई हैं, जिन्हें अब दुरुस्त करना आवश्यक है।
श्री साव ने राज्य के सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा कि नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायतों के कामकाज से ही प्रदेश की छवि बनती है। बेहतर नागरिक सुविधाएं देना निकायों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने महापौरों और अध्यक्षों से अपील की कि मूल्यांकन और सुधार की शुरुआत अपने कार्यालयों और घरों से करें ताकि संदेश जाए कि व्यवस्था सबके लिए समान है।
उन्होने कहा कि ARV को वर्तमान संपत्ति मूल्यों के अनुरूप अपडेट करने से राजस्व बढ़ेगा और कर भार सभी संपत्ति मालिकों पर न्यायसंगत तरीके से बाँटा जा सकेगा। बढ़े हुए राजस्व से निकाय अनुदानों पर निर्भर रहने के बजाय स्वावलंबी बनेंगे।” राज्य शासन की मंशा ई-गवर्नेंस मॉडल के माध्यम से नागरिकों को पारदर्शी, तेज और सुलभ सेवाएं उपलब्ध कराना है। इससे साफ-सफाई, पेयजल और बिजली आपूर्ति की व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी तथा त्वरित नागरिक सेवाएं संभव होंगी।
बैठक में अटल व नालंदा परिसरों के उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में निर्माण के निर्देश दिए गए। वरिष्ठ अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को प्रातःकालीन निरीक्षण के माध्यम से निर्माण और साफ-सफाई कार्यों की समीक्षा करने को कहा गया। निविदा प्रक्रिया में किसी भी तरह की त्रुटि या लापरवाही पाए जाने पर संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक श्री आर. एक्का, उप सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, SUDA के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय और विभाग के अपर संचालक श्री पुलक भट्टाचार्य उपस्थित रहे। राज्य के सभी नगर निगमों के महापौर व आयुक्त, तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष व मुख्य नगर पालिका अधिकारी भी वर्चुअली जुड़े।