छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने नारायणपुर जिले के कच्चापाल के जलप्रपात पहुंचकर अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के जंगल, पहाड़ और झरने यहां की पहचान हैं। यदि इन्हें सुनियोजित ढंग से विकसित किया जाए तो नारायणपुर जिले का नाम पर्यटन के मानचित्र पर और अधिक रोशन होगा। कच्चापाल जलप्रपात को हम प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों की श्रेणी में शामिल करने की दिशा में कार्य करेंगे।
अबूझमाड़ की गोद में बसा प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कच्चापाल जलप्रपात अब जिले के पर्यटन मानचित्र पर नया आकर्षण का केन्द्र बनने जा रहा है। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ शासन के वन मंत्री ने यहां पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कच्चापाल वाटरफॉल का मनोहारी दृश्य, पहाड़, नदी-नाले और चारों ओर फैली हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्थानीय ग्रामसभा को शामिल करते हुए पर्यटन विकास की ठोस रूपरेखा तैयार की जाए। साथ ही, आसपास के क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार की पहल की जाए, जिससे विशेषकर महिलाओं को आजीविका का नया अवसर मिल सकें।
विवेकान्द आश्रम कच्चापाल में पहुंचकर वन मंत्री ने शिक्षक दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। बच्चों के द्वारा संगीतमय स्वागत गीत के साथ वन मंत्री कश्यप का स्वागत किया गया। इस अवसर उन्होंने बच्चों से कहा की अपने प्रथम गुरू माता-पिता के बताए रास्ते पर चलकर अपने भविष्य को गढ़ने का कार्य करें, जिससे भविष्य में अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है। गुरूजन मोमबत्ती के समान होते है जो जल कर दूसरे को प्रकाश देते है। इस प्रकार गुरूजनों से विद्यार्जन ग्रहण कर अपने भविष्य को सुखमय बनाने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया। गुरूजनों की मांग पर वादयंत्र एवं माईक सेट प्रदाय करने का घोषणा किया।