
मुबंई 09 अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी वैश्विक वित्तीय परिदृश्य को बेहतर और मजबूत कर सकती है।
श्री मोदी ने यहां आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा कि आज से 5 साल पहले जब ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल शुरू हुआ था, तब दुनिया ग्लोबल पेंडेमिक से लड़ रही थी। आज यह फेस्टिवल फाइनेंशियल इनोवेशन और फाइनेंशियल कॉरपोरेशन का ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन चुका है। इस बार इस फेस्टिवल में यूनाइटेड किंगडम एक पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल है। दुनिया की दो बड़ी डेमोक्रेसिस के बीच यह पार्टनरशिप ग्लोबल फाइनेंशियल लैंडस्केप को और बेहतर बनाएगी।
उन्होने कहा कि देश में पिछले एक दशक में प्रौद्योगिकी का लोकतांत्रिकीकरण किया गया है। डिजिटल टेक्नोलॉजी का भी हमने डेमोक्राइटेजेशन किया है। इसको देश के हर सिटीजन और रीजन के लिए एक्सेसिबल बनाया है। आज यह भारत का गुड गवर्नेंस मॉडल बन चुका है। भारत में दिखाया है कि टेक्नोलॉजी केवल सुविधा नहीं, समानता का साधन भी बन सकती है।
श्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर में होने वाले डिजिटल लेनदेन का आधा हिस्सा भारत में होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय हर महीने यूपीआई के माध्यम से 25 ट्रिलियन रुपये के 20 अरब से अधिक के लेनदेन कर रहे हैं।भारत का एक यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस -यूपीआई आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम, भारत बिल पेमेंट सिस्टम, भारत क्यू आर, डिजिलॉकर, डिजी यात्रा, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस यानी जैम, यह सब भारत की डिजिटल इकोनामी की रीढ है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के साथ व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता विकास को गति देगा और रोज़गार के नए अवसर सृजित करेगा।उन्होने कहा कि यह दोनों देशों के लिए एक बड़ी जीत है और हमारे साझा विश्वासों का एक बड़ा बयान है न केवल इस बंधन की शक्ति बल्कि भविष्य में एक साथ अर्थव्यवस्था और कौशल का निर्माण करने के लिए और भी आगे बढ़ाना है इसलिए हम स्पष्ट हैं कि यह हमारे व्यापार समझौते की शुरुआत है जो अविश्वसनीय अवसरों का वादा करता है।