
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर।पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में बना भीषण चक्रवाती तूफ़ान ‘मोन्था’ तेजी से आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ रहा है। पिछले छह घंटों में लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ते हुए यह तूफ़ान अब तट से बेहद नज़दीक पहुँच गया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, ‘मोन्था’ इस समय मछलीपट्टनम से 60 किलोमीटर, काकीनाडा से 140 किलोमीटर और विशाखापत्तनम से 240 किलोमीटर की दूरी पर केंद्रित है। तूफ़ान के आज देर रात आंध्र प्रदेश तट से टकराने की संभावना जताई गई है। इसके प्रभाव से तटीय जिलों में तेज़ हवाएँ, भारी बारिश और समुद्र में खतरनाक परिस्थितियाँ उत्पन्न होने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, तूफ़ान के साथ 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएँ चल रही हैं, जो 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच सकती हैं। तटीय समुद्र में ऊँची लहरें उठ रही हैं और कई इलाकों में ज्वारीय उफान देखा जा रहा है।
स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने 19 तटीय जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य तेजी से जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और चिकित्सा दल मौके पर तैनात किए गए हैं, जबकि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सतत निगरानी कर रहा है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने उपमुख्यमंत्री के. पवन कल्याण के साथ अमरावती स्थित रियल-टाइम गवर्नेंस सेंटर से चक्रवात की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों की निरंतर निगरानी, बिजली और संचार बहाली में तत्परता, तथा प्रभावित क्षेत्रों का ड्रोन आधारित सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कोनासीमा, प्रकासम, नंदयाल, कडप्पा और पूर्वी गोदावरी जिलों में अब तक करीब 43 हजार हेक्टेयर फसलें जलमग्न हुई हैं। सरकार ने किसानों की सहायता और मुआवज़े के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों के अंदर रहें, अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। वहीं, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
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