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रजत जयंती वर्ष में छत्तीसगढ़ को मिलेगा भव्य और आधुनिक विधानसभा भवन

रायपुर, 31 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में 1 नवंबर का दिन स्वर्णाक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। राज्य स्थापना के 25वें वर्ष(रजत जयंती वर्ष) के अवसर पर प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन का लोकार्पण करेंगे।

   वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद से अस्थायी भवन में संचालित हो रही विधानसभा अब अपना स्थायी, भव्य और अत्याधुनिक परिसर पाने जा रही है।नया विधानसभा भवन केवल एक स्थापत्य संरचना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और आस्था का जीवंत प्रतीक है।

‘धान के कटोरे’ की झलक वास्तुकला में

‘धान का कटोरा’ कहलाने वाले छत्तीसगढ़ की पहचान इस भवन की डिजाइन में खूबसूरती से झलकती है। सदन की छत (सीलिंग) पर धान की बालियां और पत्तियों के आकर्षक शिल्प उकेरे गए हैं। दरवाजे और फर्नीचर बस्तर के पारंपरिक काष्ठ शिल्पियों द्वारा तैयार किए गए हैं। इस तरह यह भवन आधुनिकता और परंपरा का अनूठा संगम बन गया है।

भविष्य की जरूरतों के अनुरूप स्मार्ट विधानसभा

भवन को पूरी तरह भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

  • पेपरलेस संचालन प्रणाली के साथ यह देश की अग्रणी स्मार्ट विधानसभा बनने की दिशा में बड़ा कदम है।
  • सदन को आवश्यकता पड़ने पर 200 सदस्यों तक के विस्तार के लिए डिजाइन किया गया है।
  • सभी कार्यालयों में आधुनिक तकनीकी सुविधाएं, ऑडियो-विजुअल सिस्टम और डिजिटल नेटवर्किंग की व्यवस्था की गई है।

51 एकड़ में फैला परिसर, 324 करोड़ की लागत से तैयार

नया विधानसभा भवन 51 एकड़ के विशाल परिसर में 324 करोड़ रुपए की लागत से बना है।
इसे तीन मुख्य हिस्सों में विभाजित किया गया है —

  • विंग-A: विधानसभा सचिवालय
  • विंग-B: सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष
  • विंग-C: मंत्रियों के कार्यालय

हरित और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण

यह भवन ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार निर्मित है।

  • परिसर में सोलर पावर प्लांट और वर्षा जल संचयन हेतु दो सरोवर स्थापित किए गए हैं।
  • पर्यावरण संरक्षण के सभी आधुनिक मानकों का पालन किया गया है।

आधुनिक ऑडिटोरियम और सेंट्रल हॉल

नए विधानसभा भवन में 500 सीटों की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और 100 सीटर सेंट्रल हॉल बनाया गया है। इन स्थानों का उपयोग विभिन्न विधानसभा सत्रों, सांस्कृतिक और सरकारी आयोजनों के लिए किया जाएगा।

जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक

राज्य की तीन करोड़ जनता की उम्मीदों और आत्मगौरव का प्रतीक यह भवन न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रतीक बनेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान, प्रगति और परंपरा को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।