
रायपुर, 1 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “अब छत्तीसगढ़ नक्सलवाद और माओवादी आतंक की बेड़ियों से मुक्त हो रहा है।” उन्होंने विश्वास जताया कि “वो दिन दूर नहीं जब हमारा छत्तीसगढ़ और हिंदुस्तान का हर कोना माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।”
श्री मोदी ने शनिवार को यहां छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 11 साल पहले देश के करीब सवा सौ जिले माओवादी आतंक की चपेट में थे, लेकिन अब सिर्फ तीन जिले बचे हैं, जहां इस समस्या के अवशेष मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
“कांकेर में बीस से अधिक, बस्तर में दो सौ से अधिक नक्सली मुख्यधारा में लौट आए हैं। जिन पर लाखों-करोड़ों का इनाम था, वे अब हथियार छोड़कर संविधान को स्वीकार कर चुके हैं,” प्रधानमंत्री ने कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “असंभव को संभव” बनाने वाला परिवर्तन बताते हुए कहा कि जिन इलाकों में कभी बंदूक और बम का साया था, वहां आज विकास की रोशनी पहुंच रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजापुर के चिलकापल्ली गांव में सात दशकों बाद पहली बार बिजली पहुंची, अबूझमाड़ के रेकावया गांव में आज़ादी के बाद पहली बार स्कूल बन रहा है और पूवर्ती गांव में आज विकास की बयार बह रही है। “अब लाल झंडे की जगह तिरंगा शान से लहरा रहा है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता को संबोधित करते हुए कहा—“मोदी अपने आदिवासी भाई-बहनों को हिंसा के इस खेल में बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ सकता था। जब आपने हमें 2014 में अवसर दिया, तो हमने भारत को माओवादी आतंक से मुक्त कराने का संकल्प लिया। आज उसके परिणाम देश देख रहा है।”
उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है। “जैसे-जैसे हिंसा खत्म हो रही है, वैसे-वैसे यहां विकास की गति और तेज हो रही है।”
विकास और उपलब्धियों का उल्लेख
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में राज्य के 25 वर्षों की यात्रा को गौरवशाली बताते हुए कहा कि 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक नए राज्य के रूप में दिया था, और आज यह “विकास का वटवृक्ष” बन चुका है।
उन्होंने बताया कि बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ में गांवों तक सड़कें, रेल और हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है। “आज रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर वंदे भारत ट्रेन और डायरेक्ट फ्लाइट से जुड़े हैं। पहले सिर्फ कच्चे माल के लिए जाना जाने वाला छत्तीसगढ़ अब एक औद्योगिक राज्य के रूप में उभर रहा है,” उन्होंने कहा।
गरीब कल्याण और आदिवासी विकास पर फोकस
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है। “बीते 11 साल में चार करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर मिले हैं। सिर्फ पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में सात लाख घर बने हैं,” उन्होंने बताया।
उन्होंने आदिवासी समाज के योगदान को याद करते हुए कहा कि आज रायपुर में “शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय” देश को समर्पित किया गया है, जिसमें आदिवासी संघर्ष की गाथा दर्ज है। साथ ही उन्होंने “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” और “पीएम-जनमन योजना” जैसी पहलों को आदिवासी क्षेत्रों के विकास का बड़ा कदम बताया।
छत्तीसगढ़ के भविष्य पर भरोसा
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले 25 वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए निर्णायक होंगे। “यह समय नौजवानों का है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं जो आप प्राप्त न कर सकें। यह मोदी की गारंटी है—आपके हर कदम, हर संकल्प के साथ मोदी खड़ा है,” ।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी, केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव, दुर्गा दास उइके, तोखन साहू जी, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष डा.रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय अरुण साहू एवं विजय शर्मा, मंत्री एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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