रायपुर 29 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के केरोसिन आबंटन में की गई कटौती को वापस लेते हुए प्रतिवर्ष 1.53 लाख किलोलीटर केरोसिन का आबंटन देने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्रियान्वयन के उपरांत पीडीएस केरोसिन के आबंटन में कटौती की गई। एलपीजी सिलेण्डर की अधिक दर होने एवं राज्य में एलपीजी की द्वारा प्रदाय की सुविधा सीमित होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी वार्षिक रिफिलिंग दर नगण्य है।इस कारण राज्य के वार्षिक केरोसिन आबंटन को 1.1 लाख किलोलीटर से बढ़ाकर 1.58 किलोलीटर करने का अनुरोध किया गया था।
उन्होने पत्र में बताया है कि राज्य के पीडीएस केरोसिन के आबंटन में वृद्धि के बजाए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 के द्वितीय तिमाही हेतु भारत सरकार द्वारा जारी आबंटन में प्रदेश के केरोसिन कोटा में 10 हजार 884 किलोलीटर अर्थात 38 प्रतिशत की कमी की गई है।
राज्य के 146 विकासखण्डों में से 85 अर्थात 58 प्रतिशत अनुसूचित विकासखण्ड हैं। यहां के परिवारों की आर्थिक स्थिति प्रतिमाह एलपीजी सिलेण्डर के रिफिल हेतु एकमुश्त राशि जमा कराए जाने योग्य नहीं है। इसी तरह गैर अनुसूचित क्षेत्रों में भी निवासरत अन्त्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों के लिए रिफिल हेतु एकमुश्त राशि की व्यवस्था सदैव संभव नहीं हो पाती है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत शामिल लाभार्थी को पीडीएस केरोसिन हेतु अपात्र मानकर राज्य के केरोसिन कोटा में बड़ी कमी किया जाना उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एलपीजी कव्हरेज को आधार मानकर वर्तमान वित्तीय वर्ष के द्वितीय त्रैमास में राज्यवार जारी केरोसिन के आबंटन में भी विसंगतियाँ हैं। द्वितीय त्रैमास हेतु राज्यों में पीडीएस के केरोसिन में 27 प्रतिशत की कटौती की गई है जबकि राष्ट्रीय औसत से 11 प्रतिशत अधिक अर्थात 38 प्रतिशत कटौती छत्तीगसढ़ में की गई।
पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु राज्य में एलपीजी का कव्हरेज क्रमशः 94 प्रतिशत एवं 99 प्रतिशत होने के बावजूद यहां शून्य एवं 33 प्रतिशत कटौती की गई है। गुजरात, बिहार एवं उड़ीसा में ही एलपीली का कवरेज छत्तीसगढ़ के समकक्ष होने के बावजूद इनकी तुलना में छत्तीसगढ़ के केरोसिन आबंटन में कटौती काफी अधिक की गई है।