मुम्बई 04 अक्टूबर।भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 25 आधार अंको की कटौती करते हुए इसे पांच दशमलव चार प्रतिशत से घटाकर तत्काल प्रभाव से पांच दशमलव एक-पांच प्रतिशत कर दिया है।रेपो दर में कमी का उद्देश्य आवास और वाहन ऋण की दरों में कमी लाना है जो अब इस दर के साथ सीधे जुड़ गए हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बताया कि रिवर्स रेपो दर भी घटाकर चार दशमलव नौ प्रतिशत और बैंक दर पांच दशमलव चार प्रतिशत कर दी गई है।उन्होने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने हाल के आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रम पर विचार करके उसका आकलन किया। सभी उपलब्ध जानकारी और विश्लेषण के आधार पर समिति ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करने का फैसला लिया।
गर्वनर श्री दास ने कहा कि निगमित दरों में कटौती के फलस्वरूप सरकार के राजस्व विवेक पर संदेह करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पी एम सी बैंक घोटाले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि किसी एक बैंक की घटना से समूची बैंकिंग व्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि रिजर्व बैंक किसी भी सहकारी बैंक को बंद नहीं होने देगा।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए उदार नीति जारी रखने का फैसला किया है ताकि महंगाई नियंत्रण में रहे।इस वर्ष बैंक ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर में कमी की है।
बैंक ने इसके साथ ही वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान छह दशमलव नौ प्रतिशत से घटाकर छह दशमलव एक प्रतिशत कर दिया है। वर्ष 2020-21 के लिए यह अनुमान संशोधित करके सात दशमलव दो प्रतिशत कर दिया गया है।