पणजी 17 नवम्बर।भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 20 नवम्बर से गोवा में शुरू हो रहा है। यह महोत्सव का स्वर्ण जयंती वर्ष है।
इफ्फी 2019 के विशेष खंड में मेज़बान राज्य की चुनिंदा फिल्में ‘द गोअन स्टोरी’ दिखाई जाएंगी। इसमें फिल्म-प्रेमी कोंकणी फिल्मों और देश में इनके प्रभाव के बारे में जान सकेंगे। जब भी फिल्मों में मनमोहक दृश्यों की बात आती है तो कोंकणी परिदृश्य भारतीय सिनेमा की पहली पसंद रहे हैं।गोवा में प्राकृतिक सुंदरता से बढ़कर कहीं अधिक खूबसूरती है। यहां बनने वाली फिल्मों को मुख्यधारा की फिल्मों के बराबर महत्व नहीं मिलता है। इन फिल्मों में गोवा से जुड़े अहम मुद्दों को दर्शाया गया है। गोवा समाज के इन्हीं महत्वपूर्ण मुद्दों को सात कोंकणी फिल्मों में दिखाया जाएगा।
‘अमोरी’ में दिखाया गया है कि समाज में सुधार लाने के लिए काम करने वालों को अक्सर विरोध का सामना करना पड़ता है। ‘दिगंत’ में धंगर कबीले के एक बेघर लड़के के जीवन की कहानी है। ये कबीला गोवा का एक उपेक्षित और पिछड़ा हुआ चरवाहा समुदाय है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक आदिवासी लड़का सभी बाधाओं को पीछे छोड़ गोवा शहर का एक वास्तुकार बन जाता है।
इस खंड की अन्य फिल्में – ‘पलतडछो मनीस’, अ रेनी डे और डुलू हैं। महोत्सव में इस खंड में कोंकणी फिल्मों के प्रदर्शन की घोषणा से गोवा के फिल्म प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इस खंड ने गोवा के सूरज, रेत और सेलुलॉयड को एक जगह इकट्ठा कर दिया है।
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