रायपुर 30 नवम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के गठन से बस्तर एवं सरगुजा के अलावा आदिवासी उप योजना में शामिल अन्य क्षेत्रों के विकास मे तेजी आयेंगी।
श्री बघेल ने आज यहां मध्य क्षेत्र प्राधिकरण की हुई बैठक में कहा कि पहले केवल दो बस्तर और सरगुजा विकास प्राधिकरण थे। बस्तर तथा सरगुजा विकास प्राधिकरण के सम्मिलित जिलों के अतिरिक्त शेष आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास की अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।
उन्होने बताया कि मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत सम्पूर्ण राजस्व जिला कोरबा के अतिरिक्त गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, बलौदाबाजार-भाटापारा, बालोद, राजनांदगांव, कबीरधाम, मुंगेली, बिलासपुर, रायगढ़ तथा जांजगीर-चांपा के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में सम्मिलित क्षेत्र शामिल है। इस प्राधिकरण के गठन से आदिवासी क्षेत्रों के विकास में तेजी आएगी।
बैठक में बताया गया कि मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण में शामिल समस्त 12 जिलों में वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग 20 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से 419 विकास तथा निर्माण कार्य संचालित है।इनमें से वर्तमान में 14 करोड़ रूपए की राशि के 286 कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। इस दौरान चर्चा करते हुए मध्यक्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के जिले के अतंर्गत चिन्हाकित ग्रामों की सूची संबंधित सांसदो तथा विधायकों को उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लालजीत सिंह राठिया और उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी धु्रवे तथा श्री पुरूषोत्तम कंवर ने भी संबोधित किया।
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