रायपुर, 31 जुलाई। डिब्बा बंद वस्तुओं के प्रत्येक निर्माता, पैकर और आयातकर्ता व्यापारी जीएसटी लागू होने के पहले के अपने उत्पादों को बाजार में लाने के पहले उनके डिब्बों के डिस्प्ले पैनल पर बढ़ी हुई अथवा कम हुई कीमतों का स्टीकर आगामी 30 सितम्बर तक लगा सकेंगे।
संबंधित कारोबारियों द्वारा की जाने वाली यह घोषणा उस डिब्बे पर अधिकतम खुदरा मूल्य के रूप मान्य की जा सकेगी, लेकिन ऐसा करते हुए वे मूलरूप से पूर्व में घोषित अधिकतम खुदरा मूल्य को भी उस पर अंकित करेंगे। जहां जरूरी होगा, वहां फुटकर खरीद मूल्य में यह परिवर्तन स्टीकर अथवा ऑनलाइन प्रिंटिंग के रूप में भी मान्य की जा सकेगी।
नापतौल नियंत्रक ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि विधिक माप विज्ञान कार्यालय के निरीक्षक प्रदेश भर में इस व्यवस्था पर कड़ी निगाह रख रहे हैं। विभाग द्वारा उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे डिब्बा बंद वस्तुओं को खरीदते समय इस व्यवस्था पर भी ध्यान दें और किसी प्रकार की विसंगति पाए जाने पर अपने क्षेत्र के निकटवर्ती विधिक माप विज्ञान (नापतौल) निरीक्षक को सूचित करें।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जीएसटी के परिप्रेक्ष्य में यह व्यवस्था की गई है कि एक जुलाई 2017 के पहले निर्मित डिब्बा बंद उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माता, पैकर और आयातकर्ता प्रोडक्ट के अनुसार पूर्व की दर और जीएसटी लागू होने के बाद बढ़ी हुई दरों की सूचना अपने राज्य के विधिक माप विज्ञान कार्यालय के नियंत्रक को प्रस्तुत करेंगे और परिवर्तित दरों की घोषणा कम से दो समाचार पत्रों में प्रकाशित कराएंगे।
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