रायपुर, 03 फरवरी। छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2019-24 के लिए प्रदेश में स्थापित किये जाने वाले उच्च प्राथमिकता क्षेत्र के उद्योगों को सूचीबद्ध किया गया है।
उच्च प्राथमिकता श्रेणी की पात्रता के लिए प्लांट एवं मशीनरी मद में राज्य शासन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम सीमा या उससे अधिक का पूंजी निवेश करना आवश्यक होगा। यदि किसी उद्योग द्वारा उच्च प्राथमिकता श्रेणी के उत्पाद के साथ अन्य किसी श्रेणी के उत्पाद का निर्माण किया जाता है तो ऐसी स्थिति मे उसे निम्न उत्पाद श्रेणी (दोनों में से जो निम्न हो) के अनुसार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की पात्रता होगी।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर्बल, वनौषधि तथा लघु वनोपज पर आधारित उद्योग। आटोमोबाईल, आटो कंपोनेन्ट्स। फार्मास्यूटिकल उद्योग। व्हाईट गुड्स, इलेक्ट्रानिक एवं इलेक्ट्रिकल उपभोक्ता उत्पाद को इसमें शामिल किया गया है। इसी तरह रोबोटिक्स तकनीक के उद्योग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवा उद्योग। जैव प्रौद्योगिकी एवं नैनो प्रौद्योगिकी के अंतर्गत आने वाले उत्पाद। टेक्सटाईल उद्योग (स्पिनिंग, वीविंग, पावरलूम एवं फेब्रिक्स व अन्य प्रक्रिया)। रेल्वे, अंतरिक्ष, रक्षा संस्थानों-विभागों, दूरसंचार एवं विमानन कंपनियों को आपूर्ति किये जाने वाले उत्पाद-उपकरण-स्पेयर्स।
निजी क्षेत्र में विदेशी तकनीक से विदेशी कंपनी एवं भारतीय कंपनी के संयुक्त उपक्रम में स्थापित होने वाले उद्योग। निर्यातक उद्योग। जैव ईंधन-एथेनॉल हेतु रिफाइनरी (मार्कफेड से खरीफ फसल के उपार्जित अतिरिक्त धान क्रय किये जाने की शर्त पर तथा सहकारी शक्कर कारखानों आधारित)। इलेक्ट्रिक दो पहिया, तीन पहिया एवं चार पहिया वाहन एवं उनके बैटरी का निर्माण। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के उपकरण निर्माण। एयरोस्पेस, एयरक्राफ्ट रिपेयर (एम आर ओ)। राज्य में उत्पादित फल, फूल, सब्जी एवं अन्य हार्टीकल्चर उत्पाद प्रसंस्करण उद्योग। ऐसे अन्य वर्ग के उद्योग जो राज्य शासन द्वारा समय समय पर अधिसूचित किए जाएंगे।