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जो जैसा सोचता है वैसा ही बनता है – सुश्री उइके

रायपुर 04 फरवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने विद्यार्थियों से कहा कि महाविद्यालय का यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। यही से जीवन शुरू होता है। जहाँ आपको जाना है, उसके लिए सोचें लक्ष्य निर्धारित करें। जब तक आप नहीं सोचोगे तब तक लक्ष्य प्राप्त नही कर पायेंगे। जो जैसा सोचता है, वैसा ही बनता है।

सुश्री उइके ने आज मैट्स विश्वविद्यालय के वार्षिक उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय का यह समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। यही से जीवन शुरू होता है। जहाँ आपको जाना है, उसके लिए सोचें लक्ष्य निर्धारित करें। जब तक आप नहीं सोचोगे तब तक लक्ष्य प्राप्त नही कर पायेंगे। जो जैसा सोचता है, वैसा ही बनता है।

उन्होंने कहा कि आज मुझे कॉलेज के दिन याद आ रहे हैं, इस दिन का सबको इंतजार रहता है।राज्यपाल ने कहा कि मैंने अपने कॉलेज के समय सामाजिक जीवन से शुरुआत की उस समय तनाव के कई क्षण आये पर उसे चुनौती के रूप स्वीकार किया।मैंने अपनी सकारात्मक सोंच से मेहनत करती रही। उन्होंने कहा कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी होती है। हमेशा हौसला बनाये रखें हताश न हो। राज्यपाल ने कहा कि कितने भी बड़े पद पर पहुँच जाए, पर नम्र रहे। संस्कार महत्वपूर्ण होता है।

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कहा कि अपने क्षमता के अनुरूप मेहनत करें। अच्छा पढ़ाई करें यह समय दोबारा नही आएगा। अपनी सोच को खुला रखें और पूरी तरह समझ कर किसी चीज को सीखें। उन्होंने मैट्स विश्वविद्यालय के प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि यहां पर गरीब विद्यार्थियों की मदद की जाती है। शिक्षा के लिए सहयोग करना सबसे पुनीत कार्य है। कार्यक्रम को कुलाधिपति गजराज पगारिया ने भी संबोधित किया।